रांची: हिमंता बिस्वा सरमा के भाषाणों पर आपत्ति जताते हुए ईंडी गठबंधन के प्रतिनिधियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिल कर उन्हें हिमंता के खिलाफ हेट स्पीच का आरोप लगा कर ज्ञापन सौंपा। बता दें अपने भाषण के दौरान हिमंता बिस्वा सरमा ने घुसपैठियों के खिलाफ लगातार आक्रमक तेवर दिखा रहें हैं। और हिमंता झारखंड के लोगों से घुसपैठियों को लात मार कर बाहर निकालने कि बात भी कह रहें हैं। हिमंता के इस भाषण को लोगों की वाववाही तो मिल रही परंतु सत्ता पक्ष के लोगों में इस वक्तव्य को लेकर घोर आपत्ति है। जेएमएम के सुप्रियो भटाचार्य का कहना है कि हिमंता नफरत की राजनीति कर रहें है।
हिमंता पर सुप्रियो का आरोप है कि वो समाज को बांट रहें है। इस प्रकार के भषण से राज्य सरकार की आलोचना करते करते व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं, धर्म-संप्रदाय के आधार पर लोगों को बांट रहे हैं, यह अत्यंत चिंताजनक है। इस मामले को लेकर सुप्रियों भआचार्य अपने अन्य सहयोगी दलों के प्रितनिधियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। इधर सुप्रियो ने हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है, हम फिर से सरकार बनायेंगे। कहा कि कुछ दिन पहले हम इंडिया गठबंधन की ओर से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के दफतर गये थे। हम लोगों ने आयोग के समक्ष असम के मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने हम लोगों से कहा है कि वे इसका संज्ञान लेंगे। कल 11 बजे इसकी जांच होगी और कार्रवाई होगी। वहीं सुप्रियो ने कहा कि केवल कार्रवाई से काम नहीं चलेगा, तत्काल प्रभाव से हेमंता बिस्वा सरमा के झारखंड में प्रवास व भ्रमण पर रोक लगनी चाहिए। यह झारखंड की समग्र परंपरा के खिलाफ है। मैं बीजेपी से एक सवाल करना चाहता हूं, 2011 में इस देश में अंतिम जनगणना हुई। क्या उस समय बीजेपी अस्तित्व में नहीं थी। क्या राज्य अलग हुए 11 साल नहीं हुए थे, उस समय घुसपैठिये की बात नहीं आयी, बांग्लादेशी घुसपैठिये की बात नहीं आयी, 2014 में नहीं आयी, 2019 में नहीं आयी कौन सा सर्वे है कि 2024 में अचानक आ गया और कह दिया गया कि झारखंड में बांग्लादेशी हैं।
आप के पास मुद्दे नहीं हैं, नेतृत्व नहीं है, चुनाव लोकतंत्र का पर्व है। जिस में सभी धर्म के लोग शामिल होंगे, अभी छठ आयेगा। दलित के घर से बना हुआ सूप व दौरा आयेगा। हमारे राईन समाज के लोग फल बेचने का काम करते हैं, घाटों की सफाई हो रही, उस वक्त में इस प्रकार की बात करना , जब समाज को एक होना है, एक साथ छुटियां मनाना है, और कैसे कैसे शब्द कहे जा रहे हैं. चुनाव आयोग यह तय करे कि झारखंड में शांति भंग करने की भाजपा की जो कोशिश है, उस पर रोक लगे। चुनाव तो आते जाते हैं, जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है, हम फिर से सरकार बनायेंगे।