रांची: झारखंड में इंडिया गठबंधन की प्रचंड जीत के बाद झामुमो ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से ट्वीट कर कहा कि अगर बैलट पेपर से चुनाव हुए होते तो INDIA गठबंधन कम से कम 75 सीटें जीतती। झारखंड में भाजपा के 11 साल के तानाशाही शासन के ख़िलाफ़ झारखंडियों में काफ़ी आक्रोश है जिसका अंदाज़ा भाजपा नहीं लगा पा रही है। अगर उन्हें झारखंड में अब वापसी की सोचनी भी है तो जल्द से जल्द हम झारखंडियों का बकाया 1 लाख 36 हज़ार करोड़ वापस करे। बता दें इंडी गठबंधन ने 81 में से 56 सीटों पर सफलता लहराई है। वहीं अब इस जीत के जश्न में जेएमएम ट्वीट कर परोक्ष रूप से इवीएम की विश्वस्नीयता पर सवाल उठा रही। बताते चलें बैलेट पेपर से वोट की याचिका को बीते मंगलवार सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसमें इवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का अनुरोध था। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनावों में पेपर बैलट प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन नेताओं की असंगतता को उजागर किया गया जो ईवीएम की विश्वसनीयता पर तभी सवाल उठाते हैं जब वे चुनाव हार जाते हैं। याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने टिप्पणी की: “अगर आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती है। जब आप चुनाव हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ होती है। जब चंद्रबाबू नायडू हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। अब, इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।” न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और पी.बी. वराले की पीठ ने याचिकाकर्ता डॉ. कौल की दलीलों में कोई दम नहीं पाया। न्यायमूर्ति नाथ ने टिप्पणी की, “राजनीतिक दलों को इस प्रणाली से कोई समस्या नहीं है। आपको समस्या है।”