रांची: इन दिनों झारखण्ड का मानसून सत्र चल रहा है और विधान सभा में भारी हंगामे का दौर भी चल रहा. भाजपा घुसपैठ और डेमोग्राफी के मुद्दे पर सरकार को लगातार घेर रही है धरना प्रदर्शन और नारेबाजी बहस के बीच राज्य सरकार ने ये स्वीकार कर लिया है साहिबगंज सहित संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के फर्जी आधार कार्ड व विभिन्न प्रकार के वैधानिक प्रपत्र बने हैं। हालाँकि ये स्वीकारोक्ति आंशिक है फिर भी राज्य सरकार यह स्वीकार रही है कि विदेशियों कि घुसपैठ झारखण्ड में हुई है. बता दें राज्य सरकार का ये जवाब भाजपा के राजमहल विधायक अनंत ओझा के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में आया है। इस जवाब में राज्य सरकार ने आंशिक तौर पर घुसपैठ की बात को स्वीकार किया है, साथ ही यह भी माना है कि बीते आठ सालों में साहिबगंज जिले में घुसपैठ के चार मामले दर्ज हुए हैं। राधानगर थाने में केस संख्या 12/16, 44/16, 110/17 और राजमहल में केस नंबर 44/23 दर्ज हैं। बावजूद इसके डेमोग्राफी बदलने के सवाल पर राज्य सरकार ने उत्तर दिया कि ऐसी कोई सूचना प्राप्त नहीं है।
बता दें राजमहल विधायक अनन्त ओझा ने पूछा था कि स्वतंत्रता के बाद संताल परगना की डेमोग्राफी में आमूलचूल परिवर्तन व देश की आंतरिक सुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो चुका है। इस सवाल के जवाब में सरकार ने जानकारी दी कि जिला के प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस तरह की कोई सूचना नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार ने घुसपैठियों को चिन्हित करने के लिए किसी टास्क फोर्स के गठन की बात से भी इंकार किया है। वहीँ इस मामले में सरकार ने चार विदेशी घुसपैठ का जिक्र किया जिसमे पहला केस साहिबगंज के दक्षिणी पियापुर में सादिक अली टोला में रह रहे अफजल शेख के वोटर आईडी की जांच वीएलओ के समक्ष की गई। इस जाँच के दौरान पूछताछ में अफजल शेख ने स्वीकार किया कि वह ठाकुरगंज, पीरगंज बांग्लादेश का रहने वाला है। इसके बाद 10-12 साल पूर्व उसने बांग्लादेश छोड़कर अपने चचेरे भाई शौकत अली के घर आकर रहने की बात कबूली। बता दें शौकत अली साहिबगंज में राशन डीलर है। बता दें संताल परगना में बांग्लादेशी नागरिक के फर्जी पासपोर्ट बनने को लेकर भी राधानगर थाने में केस दर्ज हुआ था। इस केस में सिद्दिश्वर सरकार और राधानगर के तत्कालीन मुखिया गणेश किर्तिनिया को आरोपी बनाया गया था। वहीँ दुसरे मामले का जिक्र करते हुए बताया गया कि राजमहल के तालाझारी स्टेशन से 24 फरवरी 2023 की रात नजमुल हवलादार नाम के युवक को पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में पकड़ा। पकड़े जाने पर नजमुल ने अपना पता – शांतिभंगा, थाना- मोरेलगंज, जिला बागेरहाट, ढाका बांग्लादेश बताया। नजमुल ने आगे जानकारी दी थी कि मो सागर नाम के व्यक्ति को 20 हजार देकर वह भारत में आया था। इसके बाद वह दिल्ली जाकर कबाड़ी का काम करने लगा था। लेकिन उसे भारत लाने वाले व्यक्ति आपराधिक काम कराना चाहते थे, ऐसे में वह बांग्लादेश लौटना चाहता था। इस मामले में विदेशी नागरिक अधिनियम की संगत धाराओं में पुलिस ने केस किया था।
इधर विधानसभा में भाजपा विधायकों ने जोरदार हंगामा कर दिया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डेमोग्राफी में बदलाव होने से डेमोक्रेसी पर भी खतरा है। घुसपैठिए कई रास्ते से यहां आ रहे हैं। वहीँ मरांडी ने निशिकांत दुबे के केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के बयान पर कहा कि यह उनका निजी विचार है। उससे पार्टी का कोई सरोकार नहीं है। इधर विधायक अनंत ओझा ने कहा कि घुसपैठ रोकने के लिए हमारी यह निर्णायक लड़ाई है। इस मामले पर सारठ विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि संथाल परगना में आज बड़ी तादाद में बांग्लादेशी घुसपैठिए घुस रहे हैं। आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है। मतदाता सूची में तेजी से परिवर्तन हुआ है। इसके बाद सदन में कल्याण मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि जो लोग घुसपैठ की बात कर डेमोग्राफी बदलाव और केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग करते हैं, उनका इरादा अच्छा नहीं है। वे पिछले 10 सालों से सत्ता में बैठे हैं। जवाब तो उन्हें देना चाहिए कि घुसपैठ कैसे हो रहा है। वहीँ सत्ता पक्ष के जेएमएम विधायक मथुरा महतो ने केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि भाजपा आम लोगों के बीच गलत तरीके से घुसपैठ का सवाल खड़ा कर रही है। यह उनकी सोची-समझी राजनीति का हिस्सा है। सत्ता पक्ष लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेगा। अगर घुसपैठ हो रही है तो इसके लिए केंद्र जिम्मेदार है। केंद्र के पास इसे रोकने के लिए कोई नीति नहीं है।