बरहेट विधानसभा सीट इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण सीट बन गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यहां से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। हेमंत सोरेन ने 2014 और 2019 में बरहेट सीट से जीत दर्ज की थी, और इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के गमालियेल हेम्ब्रम से हो रहा है। यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लिए ऐतिहासिक और प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है, क्योंकि बरहेट पिछले चार दशकों से अधिक समय से जेएमएम का गढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बरहेट सीट से राजनीतिक प्रभाव और प्रतिष्ठा काफी मजबूत है। जेएमएम का यहां परंपरागत जनाधार है। हेमंत सोरेन के लिए यह चुनावी मुकाबला सिर्फ व्यक्तिगत चुनावी संघर्ष नहीं, बल्कि राज्य की सरकार की स्थिरता और उनकी पार्टी की भविष्यवाणी पर भी असर डाल सकता है। वे आदिवासी और पिछड़ी जाति के वोट बैंक के बीच मजबूत माने जाते हैं।
दूसरी ओर भाजपा ने गमालियेल हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है। गमालियेल हेम्ब्रम, जो पहले आजसू पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में थे, इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार उन्हें आजसू के टिकट पर महज 2500 वोट ही मिले थे, लेकिन इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया है, जिससे उन्हें बीजेपी के परंपरागत वोट के मिलने की उम्मीद है। गमालियेल हेम्ब्रम की राजनीतिक पृष्ठभूमि में शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आना और फिर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना एक बड़ा कदम है।