रांची: जेएसएससी की परीक्षा को लेकर झारखंड राज्य में इंटरनेट बंद किए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने एक्स से पोस्ट कर हेमंत सरकार पर गंभीर सवाल उठाएं हैं। उन्हों ने सीधे तौर पर हेमंत सरकार को खरी खरी सुनाते हुए कहा कि परीक्षा में धांधली के लिए अपने करीबी व्यक्ति के पास एडमिट कार्ड जमा कराने वाले हेमंत सोरेन ने झारखंड में साढ़े पांच घंटे इंटरनेट बंदी की मियाद बढ़ाकर लगभग 12 घंटे का कर दिया है। झारखंड में कल सुबह 4 बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सबसे करीबी व्यक्ति ही छात्रों का एडमिट कार्ड इकट्ठा रखता हो, जब सिर्फ प्रश्न पत्र ही नहीं, पूरी की पूरी परीक्षा केंद्र को ही ‘सेट’ कर लिया जाता हो।
वैसे में सिर्फ इंटरनेट बंदी से परीक्षा में धांधली पर कैसे रोक लगाया जा सकता है? यह इंटरनेट बंदी का खेल सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए तो नहीं है? इंटरनेट बंदी की आड़ में एसएससी परीक्षा की सीटें बाहरी लोगों के हाथों बेचने का खेल तो नहीं चल रहा? वजह चाहे जो भी हो, इंटरनेट बंदी के इस बेहुदे फैसले ने झारखंड के जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। झारखंड को हेमंत सोरेन जैसे अक्षम मुख्यमंत्री से जल्द मुक्ति मिलेगी। वहीं शनिवार को बाबूलाल ने ट्वीट कर कहा कि हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में दो दिनों शुबह से दोपहर इंटरनेट बंद किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक और हास्यास्पद है। हेमंत जी, JSSC CGL परीक्षा की परीक्षा देने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। इंटरनेट बंद कर देने के फैसले दूसरे राज्यों से आए अभ्यर्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
इंटरनेट हमारी दैनिक दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर बैंकिंग कार्यों तक, सरकारी दफ्तरों से लेकर गांवों के प्रज्ञा केंद्रों तक…स्कूल, कचहरी, अस्पताल, मकान, दुकान… सड़क यातायात…रेल सेवा… हवाई सेवा…इंटरनेट हर जगह की जरूरत बन चुका है। आपके द्वारा इंटरनेट बंद किए जाने के निर्णय से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों के काम-धंधे प्रभावित हो रहे हैं, राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है। हेमंत जी, सिर्फ इंटरनेट पर ही पाबंदी क्यों लगा रहे हैं? लोगों के घरों से बाहर निकलने पर ही पाबंदी लगा दीजिए। बाजार बंद करा दीजिए। कर्फ्यू की घोषणा कर दीजिए। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बिना पूर्व सूचना के अचानक से देर रात इंटरनेट बंद करने का मूर्खतापूर्ण फैसला वापस लीजिए। जनता समझ चुकी है कि आपके पास कदाचारमुक्त परीक्षा कराए जाने की क्षमता ही नहीं है। याद रखिए, जिन सलाहकारों की वजह से आप 5 माह के होटवार प्रवास से वापस आए हैं, वही सलाहकार आपको जगहंसाई का पात्र बनाने और आपसे एक के बाद तुग़लकी फ़ैसले करवा कर आपको रसातल में पंहुचाने पर तुले हुए हैं। आपसे अनुरोध है कि JSSC CGL परीक्षा का पेपर लीक रोकने के नाम पर इंटरनेट बंदी के बेतुके और असंवैधानिक तुगलकी फरमान को अविलंब वापस लीजिए।