रांची: झारखंड सरकार के कैबिनेट की सूरत तय होते ही मंत्री अपने फार्म में आ गए है। इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने रविवार को धनबाद में ऐलान किया कि अगर निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान अगर किसी मरीज की मौत हो जाती है तो बिना बिल चुकाये शव उसके परिजनों को सौंपना होगा। अगर निजी हॉस्पिटल के संचालक ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इसके लिए विभाग की ओर से हर जिले के डीसी और एसपी को पत्र भी भेजा जायेग। कहा कि निजी हॉस्पीटल स्वास्थ्य के साथ व्यवसाय करने लगे हैं। इस पर हर हाल में रोक लगायी जाएगी। उन्होंने कहा कि फर्जी डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी हॉस्पिटल को दिल्ली से भी बेहतर बनाया जायेगा। वहीं स्वास्थ्य मंत्री बनने पर पूर्व विधायक भानुप्रताप शाही ने डॉ इरफान अंसारी की डिग्री पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि अब डॉ इरफान अंसारी को साबित करने का समय आ गय़ा है कि वह असली डॉक्टर हैं या रशिया वाले फर्जी डॉक्टर। क्योंकि वे अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाते हैं। कहते भी हैं कि रशिया से एमबीबीएस किया है। ईश्वर ने उन्हें अपनी डिग्री की सत्यता प्रमाणित करने का अवसर दिया है।