रांची: मईयां सम्मान में मिलनेवाले रूपये को राज्य सरकार वसूलने की तैयारी में हैं। इसे लेकर कहा जा रहा कि येन केन प्रकारेण, योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं का नाम छांटकर लाभुकों की संख्या सीमित रखी जाए। वहीं इसे लेकर विपक्ष ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मीडिया मित्रों से कहा कि मुख्यमंत्री बनते ही हेमंत सोरेन जी के नियत में खोट आ गई है। चुनाव से पहले बेरोकटोक मुफ्त के रेवड़ी की तरह मंईयां सम्मान योजना की राशि बांटने वाली हेमंत सरकार अब महिलाओं से वसूली की तैयारी कर रही है। विभागों को विशेष दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं कि येन केन प्रकारेण, योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं का नाम छांटकर लाभुकों की संख्या सीमित रखी जाए। लाभुक सत्यापन के नाम पर महिलाओं को योजना के लाभ से वंचित रखने का प्रयास करने वाली हेमंत सरकार चुनाव के दरम्यान सभी महिलाओं को 2500 रुपए मासिक वित्तीय सहायता देने का दंभ भरते थे, लेकिन सरकार बनते ही हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना में कई नई शर्तें थोप दीं हैं।
हेमंत जी, बिना जांच के पैसे देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो, ना की लाभुक महिलाओं पर। भाजपा, महिलाओं से मंईयां सम्मान योजना की राशि वसूली नहीं होने देगी। मीडिया मित्रों से बात करते हुए बाबूलाल ने कहा कि रांची डीसी ने सभी बीडीओ को पत्र लिख है और उस पत्र में जिक्र है कि जिन अयोग्य लोगों को पहले पैसा मिला है उसे वसूला जाए। मरांडी ने सवाल उठाया कि जब आपने पैसा दिया तब क्या देख कर के दिया। देते समय आपने छानबीन नहीं की और अब चुनाव जरतने के बाद आ कह रहें हैं कि से गलत है वो गलत है और सरकार द्वारा बांटी गयी राशि को वापस करेंगे। सभी महिलाएं दहशत में हैं सभी चिंतित है कि इा प्रकार से सरकार करेगी वो बेचारी गरीब कहां से सरकार को पैसा लौटाएगी। ये गलत कर रही है सरकार इसलिए जिन लोगों ने पैसा देने का कार्य किया गलत किा अयोग्य को दिया तो इस लिहाज से सबसे बड़े दोषी तो मुख्यमंत्री है। उनसे ये राशि वसूलना चाहिए उनके वेतन से वसूलना चाहिए। मरांडी ने सीधे तौर पर कहा कि हम सरकार को झारखंड की महिलाओं से पैसे वसूलने नहीं देंगे। आपने वोट लेने के लिए पैसे बांटा अब जीतने पर पैसे वापस मांग रहें हम ऐसा नहीं होने देंगे।