हजारीबाग में एक जमीन विवाद के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को याचिकाकर्ता को चार सप्ताह में 1 लाख रुपए देने का आदेश दिया है। मामला हजारीबाग के बिंदेश्वरी पथ स्थित शैलेंद्र कुमार गुप्ता की रैयती जमीन पर रांची नगर निगम द्वारा नाली बनाए जाने का है। इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें हजारीबाग के उपायुक्त, एसडीओ, नगर आयुक्त हाई कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने हजारीबाग जिला प्रशासन को निर्देश दिया की वह जुर्माना के रूप में प्रार्थी को चार सप्ताह में 1 लाख रुपए की राशि का भुगतान करें। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जुर्माना की यह राशि उस अधिकारी के वेतन से वसूली जाए, जिसने प्रार्थी की जमीन को बिना अधिग्रहण किए उसपर नाली बना दिया। कोर्ट ने प्रार्थी के जमीन को नाली बनाए जाने पर उस जमीन के अधिग्रहण को लिए 12 सप्ताह में करीब 13 लाख रुपए का मुआवजा राशि का भुगतान प्रार्थी को करने का निर्देश हजारीबाग जिला प्रशासन को दिया है।
आपको बता दें कि प्रार्थी के हजारीबाग स्थित बिंदेश्वरी पथ पर नगर आयुक्त की ओर से नाली बनाने का विरोध करने पर प्रार्थी शैलेंद्र कुमार एवं उसके भाई सुशील कुमार गुप्ता के खिलाफ 17 अगस्त 2022 को हजारीबाग सदर में कांड संख्या 293 /2022 दर्ज की गई थी। इसी के बाद इन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।