रांची: सितंबर माह में रोजगार को लेकर सरकार के खिलाफ रैली निकालने और हिंसक प्रदर्शन पर झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री अमर बाउरी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा, सांसद दीपक प्रकाश, ढुल्लू महतो, युवा मोर्चा के अध्यक्ष शशांक राज और रमेश सिंह समेत अन्य भाजपा नेताओ को मिली राहत बरकरार रखा है। इसके साथ ही मंगलवार को हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा है।
जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है। हाईकोर्ट ने दो सप्ताह तक मोरहाबादी में भाजपा के कार्यक्रम के दौरान पुलिस के साथ झड़प मामले में उक्त आरोपियों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को विस्तार दिया है। बाबूलाल मरांडी और अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने बहस की। वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और अधिवक्ता शादाब अख्तर ने बहस की। दरअसल भाजपा के युवा आक्रोश रैली में हुए उपद्रव के बाद उक्त सभी लोगों समेत दस हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। आरोपियों पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगायी गयी थीं।