झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार बन चुकी है। उनके मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो गया है। लेकिन हेमंत सोरेन के लिए चैन और सुकून अभी दूर ही है। दरअसल, उनकी रिहाई के खिलाफ ED ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है। ED ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए एसएलपी अर्जी डाली है, जिसमें उसका कहना है कि जमानत का आदेश पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है। चूंकि हाई कोर्ट का कहना है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता, ED को इसी पर आपत्ति है।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर ही हेमंत सोरेन लगभग पांच महीने बाद जेल से बाहर आए। जेल से बाहर आने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री पद से चंपाई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया और फिर हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए। विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के बाद हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट का विस्तार भी कर दिया, जिसमें 11 मंत्रियों को जगह मिली।
इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय की अदालत ने उन्हें नियमित जमानत दी थी।