झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है, वहीं दिल्ली में 2025 की शुरुआत में विधानसभा का चुनाव हो सकता है। ऐसे में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपना मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। वे अपने इस प्लान से बीजेपी को पटकनी देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हाल ही में हेमंत सोरेन 5 महीने की जेल में रहने के बाद झारखंड हाईकोर्ट से जमानत लेकर बाहर आए हैं, उन पर जमीन घोटाले के आरोप लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले के मामले में लगभग 6 महीने की जेल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। अब दोनों ही नेता चुनावी मौसम में बेचारे बनकर जनता को ऐसे भुनाने में लगे हैं, जैसे कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी हो।
इंडिया गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल अपने ऊपर हुई जांच एजेंसियों की कार्रवाई को हमेशा से कटघरे में खड़ा करते आए हैं, अब दोनों आगामी चुनाव में भी इसका मुद्दा बनाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं क्योंकि हेमंत की बेल के दौरान कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाई थी, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल की बेल पर सीबीआई को फटकारा था।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘हेमंत और केजरीवाल के जेल में रहते हुए उनकी पत्नियों कल्पना और सुनीता ने पार्टी की कमान संभाली। इस दौरान कल्पना और सुनीता कई बार मिलीं, जिससे दोनों के बीच की नजदीकियां बढ़ीं। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस का तो प्रत्यक्ष रूप से झामुमो को समर्थन था ही, लेकिन अब नैतिक रूप से आम आदमी पार्टी भी झामुमो को सपोर्ट कर रही है। हो सकता है आने वाले दिनों में अरविंद केजरीवाल झारखंड चुनाव प्रचार में हेमंत के लिए सभाएं भी करें। हेमंत को पहले ही जेल जाने का लाभ लोकसभा चुनाव के दौरान और गांडेय विधानसभा उपचुनाव में उनकी पत्नी को जीत से देखा जा सकता है। अब इतना तो कंफर्म हो गया है कि अगर दोनों नेता एक दूसरे के क्षेत्र में जाकर जेल जाने के मुद्दे को उठाएंगे तो कहीं ना कहीं भाजपा को नुकसान होगा। ‘