रांची: आज झारखंड हाईकोर्ट में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी थाना में दर्ज एफआईआर को सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देने का आग्रह करने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई हुई। बता दें इस मामले में इससे पहले राज्य सरकार की ओर से समय की मांग की थी। इसपर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था। वहीं इसे लेकर हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल किया।
इस मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया था। बता दें ईडी के खिलाफ यह एफआईआर झारखंड पुलिस द्वारा एससी/एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी/एसटी पुलिस थाने में दर्ज की गई है। इस एफआईआर को हेमंत सोरेन सोरेन की दिल्ली आवास पर ईडी द्वारा की गई तलाशी के संबंध में शिकायत को लेकर किया गया है। ईडी के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है।
इस एफआईआर में ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों के नाम भी शामिल है। वहीं इसे लेकर हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ईडी का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया।इसके साथ ही यह आरोप लगाया कि ईडी के अधिकारियों ने मीडिया को इसकी जानकारी लीक की, जिससे जनता की नजर में उनकी प्रतिष्ठा खराब हो जाए। वहीं ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आग्रह किया गया है कि इस मामले में गोंदा पुलिस द्वारा ईडी के अधिकारी को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है. इसलिए इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौपा जाए।
बताते चलें कि पूर्व में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में दर्ज कांड संख्या 06/2024 को चुनौती देने वाली ईडी के अधिकारियों कपिल राज एवं अन्य की याचिका पर हाईकोर्ट ने ईडी के अधिकारियों को गोंदा पुलिस द्वारा 41 ए के तहत दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अधिकारियों को 41 ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। वहीं आज की सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने ईडी अधिकारी को खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक जारी रखा है।