रांची: हाईकोर्ट में ED के अधिकारियों पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दर्ज करवाए गए केस की जांच की मांग के लिए दायर की गयी याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत में सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई लिए 20 नवम्बर की तिथि निर्धारित की है। मालूम हो कि जमीन घोटाले मामले को लेकर 31 जनवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले झारखंड के तत्कालीन सीएम की ओर से रांची के एससी, एसटी थाने में ईडी अधिकारियों और मीडियाकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी गई थी।
हेमंत द्वारा दर्ज एफआईआर और इस पूरे मामले की जांच फिलहाल रांची पुलिस कर रही है। वहीं इस जांच के दौरान रांची पुलिस ने सीआरपीसी-41ए के तहत ED के सहायक निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा, अनुपम कुमार और एक अन्य अधिकारी समेत ईडी अधिकारियों को नोटिस भेजा था हालांकि झारखंड हाईकोर्ट ने नोटिस पर रोक लगा दी थी।
जानिए क्या है मामला
बताते चलें कि सीएम ने अपनी शिकायत में कहा था कि इन अधिकारियों ने 30 जनवरी को दिल्ली स्थित मेरे आवास पर छापेमारी की थी। इसके जरिए मुझे और मेरे पूरे समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने की कोशिश की गई। 27 और 28 जनवरी को मैं दिल्ली के दौरे पर था इस दौरान मैं दिल्ली स्थित 5/1 शांति निकेतन, जिसे झारखंड राज्य द्वारा निवास और ऑफिस यूज के लिए लीज पर लिया गया है, मैं उसमें रुका था। मुझे पता चला कि इन अधिकारियों ने मेरे आधिकारिक आवास पर तलाशी ली थी। ये छापेमारी मुझे सूचना दिए बिना की गई थी। हेमंत सोरेन ने अपनी शिकायत में कहा कि जांच एजेंसी के अधिकारियों ने गलत सूचना लीक की कि उक्त परिसर से जब्त की गई नीले रंग की बीएमडब्ल्यू कार मेरी है, उक्त परिसर में बड़ी मात्रा में मेरी अवैध नकदी पाई गई है। हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं बीएमडब्ल्यू कार का मालिक नहीं हूं, मेरे पास कोई अवैध नकदी नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए थी। उन्होंने कहा कि ईडी अधिकारियों की वजह से उन्हें और उनके परिवार को ‘अत्यधिक मानसिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक क्षति हुई है’ और इसलिए पुलिस से ईडी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का उन्होंने आह्वान किया है।