रांची: झारखंड हाई कोर्ट में आज डोमचांच के एक जल मीनार के मामले में मेसर्स एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैकलिस्टेड किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई हुई। इस मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा विभाग से इंस्ट्रक्शन लेने के लिए समय मांगे जाने पर राज्य सरकार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ्ज्ञ ही सरकार को जुर्माना की यह राशि 2 सप्ताह में हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के पास जमा करने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने मामले में प्रतिवादी राज्य सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी किया है।
दरअसल, प्रार्थी द्वारा कहा गया था कि उन्हें ब्लैकलिस्टेड किए जाने से संबंधित इंक्वारी रिपोर्ट की प्रति नहीं मिली है। वहीं, सरकार की ओर से कहा गया कि इंक्वारी रिपोर्ट की प्रति प्रार्थी को दी गई है या नहीं, इस पर वह संबंधित विभाग से इंस्ट्रक्शन लेंगे। इसलिए समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि रिट दाखिल किए जाने के एक माह के समय बीत जाने के बावजूद भी सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा है कि प्रार्थी को इंक्वारी रिपोर्ट दी गई है या नहीं। दरअसल, पेयजल स्वच्छता विभाग ने उक्त कंपनी को जल मीनार के मामले में 5 साल के लिए ब्लैकलिस्टेड किया था। इसे लेकर तीन सदस्य वाली एक कमेटी बनी थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मेसर्स एकेजी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैकलिस्ट किया गया। जिसे कंपनी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।