रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा लीक मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले में राज्य सरकार व जेएसएससी को नोटिस जारी किया। प्रतिवादियों को जवाब दायर करने को कहा। वहीं कोर्ट ने परीक्षाफल के प्रकाशन पर रोक नहीं लगायी। मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। बताते चलें कि झारखंड हाइकोर्ट ने सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (सीजीएल)-2023 के तहत 21 व 22 सितंबर को ली गयी परीक्षा में गड़बड़ियों की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में पूर्व में ही प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अपराजिता भारद्वाज ने खंडपीठ को बताया कि सीजीएल परीक्षा-2023, 28 जनवरी 2024 को हुई थी। इसमें अभ्यर्थियों ने प्रश्न पत्र लीक का आरोप लगाया था, जिसके चलते 28 जनवरी की परीक्षा को जेएसएससी ने रद्द कर दिया था।
बाद में अभ्यर्थियों के विरोध के बाद आयोग ने पूरी परीक्षा रद्द करते हुए नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसके बाद एसआइटी का गठन कर मामले की जांच की गयी. 21 व 22 सितंबर 2024 को पुन: सीजीएल परीक्षा ली गयी, लेकिन पूर्व की तरह इसमें भी भारी गड़बड़ी की गयी। इसमें भी पेपर लीक हुआ है। वहीं राजेश प्रसाद ने इस संबंध में संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन शिकायत दी है, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना मामले में संदेह उत्पन्न कर रहा है। वहीं, राज्य सरकार व जेएसएससी की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता संजय पिपरावाल व राकेश रंजन ने प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए बताया कि पेपर लीक का आरोप गलत है। यह मामला सुनने योग्य भी नहीं है। बताते चलें कि इस मामले में प्रार्थी प्रकाश कुमार व अन्य की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। अपनी याचिका में प्रार्थियों ने पेपर लीक व अन्य गड़बड़ियों के आरोप में सीजीएल परीक्षा रद्द करने व पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है।