राजधानी रांची में प्रदूषण को लेकर कोर्ट के स्वत: संज्ञान पर झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर शपथ पत्र दाखिल नहीं करने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि रात में 10 बजे के बाद किसी भी हालत में रांची शहर में लाउडस्पीकर नहीं बजनी चाहिए। इस संबंध में अगर जरूरत पड़े तो एफआईआर किया जाए।
प्रशासनिक अधिकारी ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम पर रखेंगे नजर
कोर्ट ने रांची एसएसपी, ट्रैफिक एसपी एवं नगर आयुक्त को कहा कि वह मिलकर यह देखें की ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हो रही है या नहीं। ध्वनि प्रदूषण रोकथाम के संबंध में कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें। मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार द्वारा शपथ पत्र दाखिल करने नहीं करने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। सुनवाई के दौरान रांची डीसी , रांची एसएसपी एवं डिप्टी नगर आयुक्त कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए।कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची शहर में ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस संबंध में कोर्ट को जानकारी नहीं दी गई है।
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ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए चलाये जा रहे अभियान
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार को ध्वनि प्रदूषण के लिए उठाए गए कदम के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा था। जिस पर रांची डीसी की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट के आसपास एवं अशोकनगर में साइलेंस जोन को लेकर होडिंग लगाए गए हैं। ध्वनि प्रदूषण को लेकर 8 प्राथमिकी दर्ज की गई है। कोर्ट ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की समस्या पूरे रांची में है इसलिए पूरे शहर को में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए अभियान चला जाना चाहिए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 मार्च निर्धारित करते हुए राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई में रांची डीसी, रांची एसएसपी, ट्रैफिक एसपी सहित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति से छूट प्रदान की। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन भी कोर्ट में उपस्थित थे।