रांची: मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों झारखंड पुलिस के डीजीपी को सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान प्रतिबिंब नामक मोबाइल ऐप के जरिए साइबर क्रिमिनल्स पर अंकुश लगाने को लेकर दिया गया है। बता दें पिछले दस महिनों से झारखंड पुलिस प्रतिबिंब नामक मोबाइल ऐप के जरिए साइबर क्रिमिनल्स पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर रही है। इस दौरान राज्य के विभिन्न इलाकों से 1100 से ज्यादा साइबर क्रिमिनल्स को पुलिस ने दबोचा है।यह ऐप साइबर क्राइम में इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल फोन का न सिर्फ शिनाख्त कर लेता है, बल्कि रियल टाइम लोकेशन देता है और इसकी मदद से पुलिस साइबर क्रिमिनल्स के ठिकानों पर धावा बोल देती है। मालूम हो कि अब इस ऐप का इस्तेमाल दूसरे राज्यों की पुलिस भी कर रही है।
नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता और ऐप को डेवलप करने वाले गुंजन कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत साइबर नियंत्रण के लिए काम करने वाली संस्था ‘आई 4 सी’की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान ग्रहण किया। बता दें साईबर क्राईम को लेकर यह ऐप 7 नवंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था। उसके बाद से पुलिस ने साइबर क्रिमिनल्स के अड्डों पर लगातार सर्जिकल स्ट्राइक कर रही हैं। बता दें इस ऐप के माध्यम से साइबर ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल नंबरों का लोकेशन ट्रेस कर पुलिस उनके अड्डे तक पहुंचती है।
बताते चलें कि झारखंड में दिसंबर 2023 से अब तक साइबर क्राइम की 241 एफआईआर दर्ज की गयी है। वहीं 1100 से ज्यादा साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 2342 मोबाइल और 3449 सिम कार्ड जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही झारखंड में पिछले ढाई वर्षों में पुलिस ने साइबर क्रिमिनल्स के बैंक अकाउंट में जमा करीब 15 करोड़ 80 लाख रुपए की रकम भी फ्रीज कराई है। वहीं बड़ी संख्या में ठगी के शिकार हुए लोगों को रकम भी लौटाई गई है। झारखंड सीआईडी के एक अधिकारी ने बताया कि यह ऐप साइबर क्राइम के जामताड़ा मॉड्यूल के खिलाफ बेहद कारगर हथियार साबित हुआ है। इस ऐप के ट्रायल के दौरान पाया गया था कि देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिदिन ढाई से तीन हजार साइबर क्रिमिनल मोबाइल पर सक्रिय रहते हैं। अब ऐप के माध्यम से संबंधित जिलों की पुलिस को साइबर क्रिमिनल्स की गतिविधियों की मैपिंग तुरंत भेजी जा रही है।