रांची: झारखंड हाईकोर्ट में आज जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउन बनाने के खिलाफ दायर की गयी याचिका पर सुनवाई हुई। इस याचिका में झारखंड सरकार द्वारा 23 दिसंबर 2023 के नोटिफिकेशन के तहत पूरे जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउन बनाये जाने के निर्णय को चुनौती दी गई है।अदालत के समक्ष प्रार्थी ने झारखंड सरकार द्वारा पूरे जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउन बनाने के नोटिफिकेशन को रद्द करने का आग्रह किया है।
इसके साथ ही राज्य सरकार को जमशेदपुर के बृहद शहरी इलाके में संविधान का अनुच्छेद 243 के तहत नगर निगम बनाने का निर्देश जारी करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है। इस मामले में प्रार्थी का कहना है कि जमशेदपुर के इंडस्ट्रियल टाउन बनने से वहां की देखरेख की जिम्मेदारी जमशेदपुर डीसी की अध्यक्षता में टाटा स्टील के पास है। इससे इंडस्ट्रियल टाउन पूरी तरह टाटा स्टील के हाथों में चली जाएगी। पूरे जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउन बनाने से नगर निगम चुनाव के तहत म्युनिसिपल कमिश्नर, मेयर के चुनाव से जनता वंचित हो जाएगी। बता दें इस मामले में मामले में सौरभ विष्णु की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता रोहित सिन्हा ने पैरवी की। वहीं हाई कोर्ट की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि इसी तरह के एक मामले में जवाहरलाल शर्मा एवं झारखंड सरकार एवं अन्य जिसमें जमशेदपुर को नगर निगम बनाने और इंडस्ट्रियल टाउन नहीं बनने को लेकर रिट याचिका वर्ष 2018 में दाखिल की गई है, जो लंबित है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई है कि राज्य सरकार चाहे तो जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउन बनाया जा सकता है। राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जवाहरलाल शर्मा बनाम झारखंड सरकार की याचिका निष्पादित होने के बाद निर्धारित की है।