रांची: बाबूलाल मरांडी ने सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से ट्वीट कर कहा कि बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा के अभ्यर्थियों ने मुझसे मुलाकात की और परीक्षा में हुई साजिश से अवगत कराया। हेमंत सरकार ने इस बार जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में चोरी कराने का नया तरीका इजाद किया और पूरे राज्य में इंटरनेट बंद कर दी, ताकि किसी को इनकी साजिश का पता न चले। दरअसल, इस जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में जो प्रश्न आए हैं, वो पूर्व में हुई जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा के प्रश्नों हुबहू मेल खा रहे हैं। जेएसएससी-सीजीएल रिजनिंग के 20 में 16 प्रश्न जेएसएससी-सीजीएल 2018-19 टियर 1 (7 जून 2019) से हूबहू मिलते पाए गए हैं। जेएसएससी-सीजीएल मैथ के 20 में 16 प्रश्न जेएसएससी संयुक्त स्नातक स्तर (टियर-2) सीबीटी परीक्षा(आठ अगस्त2022) से हूबहू मिलते पाए गए। यह बेहद ही संदेहास्पद है।
इस मामले को लेकर बाबूलाल ने आगे लिखा है कि छात्रों को आशंका है कि नौकरी बेचने वाली हेमंत सरकार ने पहले से ही जेएसएससी-सीजीएल की सीटों का सौदा कर लिया है और अपने चहेतों को संबंधित प्रश्नों के उत्तर रटवा दिया है। जब झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पास प्रश्न तैयार करने का समय नहीं था, तो फिर हड़बड़ी में परीक्षा कराके छात्रों का भविष्य क्यों बर्बाद किया। जनवरी में हुई जेएसएससी परीक्षा के पेपर लीक के बाद, पहले से ही प्रश्न सेट कर परीक्षा में चोरी कराने का ये तरीका खतरनाक है। सीट बेचने की साजिश बार-बार बेनकाब होने के बावजूद हेमंत सरकार द्वारा युवाओं को धोखा देने की मानसिकता खतरनाक है। जनता अब इंटरनेट बंदी के पीछे का सारा खेल समझ चुकी है। सरकार युवाओं की मांग का संज्ञान लेकर अविलंब जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच कराए। झामुमो कांग्रेस की सरकार झारखंड के गरीब, दलित और आदिवासियों का हक़ खा रही है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं के घर से नोटों के ढेर बरामद हो रहे हैं। ऐसी भ्रष्ट, लुटेरी झामुमो कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर के ही झारखंड का भविष्य सुरक्षित रखा जा सकता है।