जमशेदपुर सिविल कोर्ट ने सोमवार को पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में गैंगस्टर अखिलेश सिंह को बरी कर दिया। यह फैसला एडीजे 4 आनंद मणि त्रिपाठी की कोर्ट ने सुनाया है। बता दें कि दुमका जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अखिलेश सिंह की पेशी हुई। जिसके बाद यह फैसला सुनाया गया।
दरअसल, कोर्ट में पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग मामले में आरोपी मनोरंजन सिंह लल्लू, बंटी जायसवाल और रितेश राय के खिलाफ अलग से मामला चल रहा है। इस संबंध में अखिलेश सिंह के अधिवक्ता विद्या सिंह ने बताया कि फायरिंग मामले में अखिलेश सिंह का नाम था, लेकिन पुलिस अनुशंधान में अखिलेश सिंह घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं था। इसलिए साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने उसे इस गोलीकांड मामले में बरी कर दिया है।
बता दें कि 20 मार्च 2008 को साकची थाना क्षेत्र अंतर्गत आबकारी विभाग के कार्यालय के पास बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने तत्कालीन जज आरपी रवि को गोली मार दी थी। इस फायरिंग में पूर्व जज घायल हो गए थे। उनका इलाज टीएमएच अस्पताल में हुआ था। इस गोली कांड में घायल जज की पत्नी के बयान पर केस दर्ज किया गया था। जिसमें पुलिस ने अखिलेश सिंह समेत अन्य को आरोपी बनाया था।
उस वक्त जज की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि उनके पति आरपी रवि फल लेकर घर लौट रहे थे। जैसे ही वे आबकारी विभाग के पास पहुंचकर सड़क पार कर रहे थे तभी बाइक सवार अपराधियों ने उन पर फायरिंग कर दी थी। इस घटना में आरोपी रवि घायल हो गए थे।