जमशेदपुर में भी मुश्लिम समुदाय के लोगों की बैठाके शुरू हो गयी है। मौलना हाफिज का कहना है की हमारे शरीयत में बैंड, बजा, पटाका फोड़ना नाच गाना सब हराम है इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि अगर कोई अपने बच्चे के निकाह में इन सभी बातो को दरकिनार नहीं किया और शादी में फिजूल की खर्ची बन्द नहीं की तो कोई भी मौलाना इनके घर निकाह पढ़वाने नहीं जाएगा। अगर लड़की वालों से गलती हो गयी हो तो जुर्माना लगाकर निकाह करवाया जएगा।
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पटाका फूटा तो मौलाना निकाह पढ़वाने नहीं जाएगा
यह आज से करीबन 10 साल पहले जमशेदपुर में इसकी शुरूआत की गयी थी, लेकिन कालान्तर में यह जारी नहीं रखा जा सका था, लेकिन अब यह नियम पूरी तरह से लागू किया जाएगा। शरीयत में फिजूल की खर्ची हराम माना गया है। इसलिए इस बार किसी भी निकाह में नाच, गाना, बैंड, बजा और पटाका फूटा तो उसके घर कोई भी मौलाना निकाह पढ़वाने नहीं जाएगा।