झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद संवैधानिक असमंजस की स्थिति गहरा रही है। एक ओर ईडी की गिरफ्त में आए हेमंत ने इस्तीफा दे दिया। तो दूसरी ओर उनके गठबंधन के विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुनते हुए सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। लेकिन राजभवन से अभी तक सरकार बनाने का आमंत्रण नहीं आया। यानि अभी झारखंड का मुख्यमंत्री कौन है और वहां सरकार कौन चला रहा है, यह बता पाना मुश्किल है। सरकार के समर्थक विधायकों का कहना है कि बिहार में तो नीतीश कुमार के इस्तीफे के तुरंत बाद नई सरकार का शपथ ग्रहण हो गया। लेकिन झारखंड में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। तो दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि सरकार बनाने का दावा तो जेएमएम के अध्यक्ष शिबू सोरेन को पेश करना चाहिए।
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43 विधायकों के समर्थन का पत्र राजभवन में
हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के साथ ही चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर किए हुए समर्थन पत्र के आधार पर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। लेकिन राज्यपाल ने उन्हें अभी तक आमंत्रित नहीं किया है। चर्चा है कि जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायकों को अब हैदराबाद शिफ्ट किए जाएंगे। दूसरी ओर हेमंत सोरेन कानूनी लड़ाई लड़ने को मजबूर हो चुके हैं। ईडी उन्हें रांची के पीएमएलए कोर्ट में पेश करेगी। तो ईडी के एक्शन के खिलाफ सोरेन की याचिका पर 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करेगी। हेमंत को कपिल सिब्बल डिफेंड करेंगे।