रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड से बीजेपी को मिली शर्मनाक हार के बाद मंथन का दौर जारी है। अपनी सेफ सीटों से भी मिली शिकस्त को लेकर बीजेपी अत्यंत गंभीर है। इसे लेकर आगामी 30 नवंबर को बीजेपी नेताओं की समीक्षा बैठक आहूत की गयी है। इस बैठक में रणनीति में हुई चूक पार्टी की कमियों और हार के अन्य कारणों की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही तीन दिसंबर को बीजेपी के सभी प्रदेश स्तरीय नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। झारखंड के चुनाव परिणाम पर दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा होगी। जानकारी के अनुसार, भाजपा नेताओं को मिली जिम्मेवारी के साथ उनके कार्यों की भी समीक्षा की जायेगी। बता दें भाजपा की हार की सबसे बड़ी वजह यह रही कि एसटी की 28 सीटों में से 25 सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें से 19 सीटों पर भाजपा ने नये उम्मीदवारों को तरजीह दी थी। इसमें सिर्फ एक सीट ही भाजपा जीत पाई। झामुमो से भाजपा का दामन थामने वाले चंपाई सोरेन ही अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। पिछले चुनाव में भाजपा को सिर्फ दो सीटों पर ही जीत मिली थी। इस चुनाव में दूसरे दलों के आदिवासी नेताओं को शामिल कराने का लाभ भी भाजपा को नहीं मिल पाया। नए चेहरे के साथ बीजेपी को एस टी सीअ पर चुनाव लउ़ना भारी पड़ गया। यदि पिछले चुनाव की बात करें तो भाजपा को पांच एससी सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस बार भाजपा के खाते में सिर्फ तीन सीटें ही आयी। चंदनक्यारी, कांके और छत्तरपुर सीट भाजपा के हाथों से खिसक गयी। बता दें दिल्ली के केंद्रीय नेतृत्व के साथ तीन नवंबर को बैठक आहूत की गयी है जिसमें झारखंड के नेता विधानसभा चुनाव में हुई हार पर मंथन करेंगे।