इन दिनों राजधानी रांची के रिम्स, सदर अस्पताल में हर दिन 10 सर्पदंश के केस आ रहे हैं, इनमें ओरमांझी, पिठौरिया, पतरातू और बुंडू इलाके के लोग ज्यादा हैं। अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय सिंह का कहना है कि ‘अभी 3 मरीज गंभीर हालत में भर्ती हैं, जहर का असर किडनी तक पहुंच जाने की वजह से मरीज को भर्ती कर इलाज करना पड़ता है।’ दरअसल बारिश के चलते सांप अपने बिलों से बाहर आ जाते हैं, इसी कारण सांप कांटने के केस में इजाफा हो जाता है।
चिकित्सकों का कहना है कि ‘अधिकतर मरीज दिन में तीन से पांच बजे तक अस्पताल पहुंचते हैं। दूसरे जिलों से आने वाले मरीज कई बार सुबह 10 से दोपहर 12 बजे के बीच भी आते हैं। समय रहते पहुंचने वाले अधिकतर मरीजों को एंटीवेनम देकर बचा लिया जाता है। ज्यादातर वे ही लोग जान गंवा रहे हैं, जो झाड़-फूंक के चक्कर में पड़े हैं।’
इधऱ रिम्स के मेडिसिन विभाग के यूनिट इंचार्ज डॉ संजय सिंह ने बताया कि सर्पदंश के मरीज को कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 20 एंटी वेनम डोज की जरुरत होती है। हालांकि ये काटे गए सांप की प्रजाति पर भी निर्भर करता है। ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में होती हैं, अगर सीएचसी में एंटी वेनम उपलब्ध न हो तो मरीज को बिना देर किए हायर सेंटर रेफर करना चाहिए।’