झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संघ ने बाहरी व्यक्तियों को उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने का कड़ा विरोध जताया है। संघ के अध्यक्ष ऋतु कुमार ने इस संबंध में एक औपचारिक पत्र जारी कर राज्य और न्यायपालिका से आग्रह किया है कि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर केवल स्थानीय अधिवक्ताओं को ही नियुक्त किया जाए।
पत्र में बताया गया है कि अधिवक्ता संघ ने पहले ही 29 जून 2016 को अपनी आम सभा में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया था कि उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद पर किसी भी बाहरी व्यक्ति की नियुक्ति का विरोध किया जाएगा। अधिवक्ता संघ का कहना है कि झारखंड बार काउंसिल के सदस्य और उच्च न्यायालय में नियमित प्रैक्टिस करने वाले कई योग्य अधिवक्ता इस पद के लिए उपयुक्त हैं।
संघ के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि पिछले आठ वर्षों से बार कोटे से किसी भी अधिवक्ता की पदोन्नति नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिवक्ता संघ ने हमेशा इस मुद्दे को प्राथमिकता दी है और स्थानीय अधिवक्ताओं को न्यायपालिका में समुचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की है।
पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर भविष्य में किसी बाहरी व्यक्ति को उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए सिफारिश की जाती है, तो अधिवक्ता संघ और इसके सदस्य लोकतांत्रिक तरीकों से इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
संघ ने पुनः आग्रह किया है कि स्थानीय अधिवक्ताओं की योग्यता और अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें न्यायाधीश नियुक्त किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि 2016 का संकल्प वर्तमान कार्यकारी समिति के लिए बाध्यकारी है और इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।