नई तकनीक का इस्तेमाल कर अदालती कार्यवाही को भी अब एडवांस किया जा रहा है। झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand Highcourt) में एंड्रॉइड मोबाइल एप को लॉन्च किया गया। साथ ही ई-सेवाओं की क्यूआर निर्देशिका भी जारी की गई। बुधवार को हाईकोर्ट में आयोजित ऐप लॉन्च कार्यक्रम में सभी न्यायाधीश, महाधिवक्ता, झारखंड राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष सहित गई लोग मौजूद रहे। इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने अदालती कार्यवाही बदल दी है। प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के साथ पहुंच व दक्षता में वृद्धि की जरूरत है। हालांकि, प्रगति के साथ चुनौतियां भी आती हैं। हाइकोर्ट में नया युग शुरू हो रहा है।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के 3,51,622 से अधिक आदेश और निर्णय एप में अपलोड हैं। वहीं इसका क्यूआर कोड हर जिला के न्यायालय और सार्वजनिक जगहों पर रखा जाएगा ताकि आम व्यक्ति भी ई-सेवाओं का लाभ आसानी से लोग उठा सकें। उन्होंने कहा कि कामकाज में कार्यकुशलता झलकनी चाहिए। झारखंड हाइकोर्ट ने सिर्फ 70 कार्य दिवसों में एक जनवरी 2024 से लेकर 30 अप्रैल 2024 के बीच 19 न्यायाधीशों के साथ 24769 मामलों का निबटारा किया है। इसमें पांच डिविजन बेंच व नौ एकल पीठ ने मामलों की सुनवाई की है।
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हाइकोर्ट ने लंबित मामलों को कम करने के लिए कड़ी मेहनत की है। इस दौरान दीवानी मामलों के निबटारे की दर 176.59 प्रतिशत तथा आपराधिक मामलों में 123.34 प्रतिशत दर्ज की गयी है। इससे लंबित मामलों में 6.11 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। एक जनवरी 2024 को कुल लंबित मामले 85,593 थे. एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा कि एंड्रॉयड मोबाइल एप्लीकेशन और क्यूआर निर्देशिका वकीलों के साथ-साथ न्याय के अन्य हितधारकों के लिए सुविधा लायेगी।