लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम आज घोषित किया जाएगा। सभी दलों द्वारा किए जा रहे दावों पर आज अंतिम मुहर लग जाएगी। मुकाबला एनडीए बनाम इडिया गठबंधन है। झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं। इन 14 सीटों में से 4 सीटें वीआईपी सीटें मानी जा रही हैं, क्योंकि इन सीटों पर दिग्गज नेता मैदान में हैं। ऐसे में ये दिग्गज नेता जीतेंगे या हारेंगे, इसका फैसला आज हो जाएगा। ये चार सीटें हैं खूंटी, दुमका, गोड्डा और कोडरमा।
गोड्डा के मौजूदा सांसद और पीएम मोदी के करीबी निशिकांत दुबे लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वह लगातार चौथी बार गोड्डा सीट जीतना चाहते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया है कि वह झारखंड में सबसे ज्यादा वोटों से जीतेंगे। उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप यादव से है। प्रदीप यादव को मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। वहीं, अभिषेक झा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन दुमका से चुनाव लड़ रही हैं। वह झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं। इसके बाद भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है और दुमका से चुनाव लड़ाया है। सीता सोरेन का मुकाबला झामुमो उम्मीदवार नलिन सोरेन से है। नलिन सोरेन को जेएमएम का कद्दावर नेता माना जाता है। वे शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक भी रह चुके हैं। एक तरफ सीता सोरेन पर दुमका सीट पर बीजेपी की सीट बचाने की बड़ी जिम्मेदारी है, वहीं जेएमएम अपनी खोई सीट वापस पाना चाहती है।
कोडरमा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला भाकपा माले के विनोद सिंह से है। अन्नपूर्णा देवी और विनोद सिंह के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। अन्नपूर्णा देवी ने 2019 का चुनाव तत्कालीन जेवीएम उम्मीदवार और मौजूदा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ लड़ा था। जिसमें उन्हें जीत मिली थी। इस बार बाबूलाल मरांडी उनके लिए प्रचार कर रहे हैं। वहीं बगोदर विधायक विनोद सिंह का इलाके में अपना जनाधार हैं। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन के बाकी दलों का समर्थन उन्हें और भी मजबूत उम्मीदवार बना रहा है।
खूंटी लोकसभा सीट झारखंड की सबसे बड़ी वीआईपी सीट मानी जा रही है। यहां से भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मैदान में हैं। वहीं उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार कालीचरण सिंह से है। जानकारों के मुताबिक दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है। खेल किसी भी तरफ पलट सकता है। हालांकि जानकारों का मानना है कि इस खेल में कांग्रेस के कालीचरण सिंह आगे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों के बीच हार-जीत का फैसला महज 1440 वोटों से हुआ था।