संसद में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के शपथ पर बवाल हुआ तो अब झारखंड में मंत्री हफीजुल हसन (Hafizul Hasan) के शपथ को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, झारखंड में सोमवार को हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। झारखंड में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन समेत 11 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। झारखंड मुक्ति मोर्चा से 6, कांग्रेस से चार और राष्ट्रीय जनता दल से एक विधायक ने शपथ ली है।
इस दौरान मंत्री हफीजुल हसन के शपथ को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शपथ की शुरुआत उन्होंने एक ‘धार्मिक पंक्ति’से की जिस पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने राज्यपाल से अपील की है कि हसन को पदभार ना ग्रहण करने दिया जाए। वहीं असम के मुख्यमंत्री और झारखंड में भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने हफीजुल का वीडियो शेयर करते हुए लिखा-‘झारखंड राज्य में मंत्री ऐसे शपथ लेते हैं? हम चुप नहीं बैठेंगे। राज्य के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि हफीजुल हसन को कार्यभार ग्रहण न करने दें, क्योंकि यह शपथ अमान्य है और संविधान के विरुद्ध है।’
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हफीजुल हसन मधुपुर सीट से विधायक हैं और वो उनकी पहचान झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक बड़े मुस्लिम लीडर की है। वो इससे पहले झारखंड के खेल मंत्री थे। एक बार फिर उन्हें खेल के अलावा कई विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। इस बार सीएम हेमंत सोरेन हफीजुल को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति, खेल-कूद और युवा कार्य विभाग और नगर विकास और आवास विभाग सौंपा है।