झारखंड की राजधानी रांची में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कल सहायक पुलिस कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था तो आज पारा शिक्षक हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हो गई। जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार सरकार पर निशाना साधा है। दरअसल, पारा शिक्षक लंबे समय से वेतन वृद्धि और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। हजारों की संख्या में पारा शिक्षक रांची के मोरहाबादी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर गए थे। उनका इरादा मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का था। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
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वहीं विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी ने एक्स पर लिखा है कि कल लाठी चली थी, आज गोले बरसाए जा रहे हैं। हजारों की संख्या में आज जब पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास की तरफ बढ़ रहे थे, तो एक बार फिर से हेमंत सोरेन ने अपनी पीठ बचाने के लिए पुलिस को आगे कर दिया।
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अभी कल सहायक पुलिसकर्मियों की पीठ पर कोड़े बरसाने के बाद भी हेमंत की हिम्मत कम नहीं हुई और आज पारा शिक्षकों के ऊपर आंसू गैस के गोले बरसाए जा रहे हैं। जेएमएम और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में झारखंड के लोगों को सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों के लिए हाथ फैलाकर भीख मांगना पड़ रहा है,और इसके बाद भी क्रूर, अहंकारी, अत्याचारी शासक की हिम्मत तो देखिए, निहत्थे असहाय झारखंडवासियों पर किस तरह से लाठी और गोले दागे जा रहे हैं।
क्या है पारा शिक्षकों की मांग
पारा शिक्षक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनकी प्रमुख मांगों में वेतनमान में बढ़ोतरी, उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें बेहद कम वेतन मिलता है और उन्हें मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा जाता है। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।