बीजेपी में शामिल होने के बाद चंपाई सोरेन अब भगवा रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। मंगलवार को वे झामुमो के गढ़ संथाल परगना में सभा करने पहुंचे, इस दौरान उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर जोर-शोर से आवाज उठाई। दरअसल झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सभी पार्टियों तैयारी में जुटी हुई हैं, नेता अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर रैलियां कर रहे हैं और जनता को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी के चलते पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बुधवार को संथाल परगना में जनसभा आयोजित करने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने डांगापाड़ा फुटबॉल मैदान में आयोजित मांझी परगना महासम्मेलन में उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित किया।
सभा को संबोधित करते हुए कोल्हान के टाइगर चंपाई सोरेन ने कहा कि ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से सामाजिक समरसता बिगड़ रही है इसे बचाने के लिए इन्हें भागना जरूरी है। घुसपैठियों के पास बांग्लादेश के साथ-साथ झारखंड में अलग-अलग पहचान पत्र हैं, जो गंभीर विषय है इसकी जांच होनी चाहिए।’चंपाई सोरेन ने आगे कहा कि ‘पाकुड़ में आदिवासियों की संख्या घट रही है जो सोचने का विषय है। इस धरती के मालिक आप हैं तो इसके सम्मान और रक्षा को लेकर आप सबको आगे आना पड़ेगा। आदिवासी मूलवासियों को साथ लेकर जल्द ही जनआंदोलन किया जाएगा, इसके लिए परंपरागत सामाजिक व्यवस्था और संस्कृति को बचाए रखने के लिए मांझी परगना को आगे बढ़कर काम करना पड़ेगा।
महासम्मेलन कार्यक्रम में सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम भी शामिल हुए, इस दौरान उन्होंने झामुमो सरकार पर जमकर निशाना साधा। सीता सोरेन ने कहा कि ‘झारखंड की वर्तमान सरकार गूंगे और बहरों की सरकार है, जो राज्य के खनिज संपदाओं को लूट रही है। वही लोबिन हेंब्रम ने कहा कि ‘राज्य सरकार अब तक युवाओं के लिए स्थानीय नीति नहीं ला पाई। संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है। जल, जंगल, जीवन और आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए सभी को आगे आना पड़ेगा।’