खरसावां: आज लड़ाई है गरीबों की धन कुबेरों के साथ। ये लड़ाई है झारखंड के हक अधिकार की। झारखण्ड गठन के बाद भाजपा की सरकार आई और पिछड़ों के 27 प्रतिशत के आरक्षण को घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया। इस बीच भाजपा लगातार सत्ता में रही। लेकिन उन्होंने पिछड़ों के आरक्षण को लेकर संवेदनशीलता नहीं दिखाई। आपकी अबुआ सरकार ने सत्ता में आने के बाद पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत पारित कर दिया। आज देश के गृह मंत्री यहां घूम रहे हैं उनके पास आरक्षण का फाइल जाकर दब जाता है। कल्पना सोरेन ने खरसावां में दशरथ गगराई के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा में उपरोक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा आज ये किस मुंह से भाजपा पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और गरीब गुरबा की बात करती हैं। देश के किसानों के प्रति इनका रुख सही नहीं। ये बड़े बड़े धनकुबेरों का ऋण माफ करते हैं, लेकिन किसानों का ऋण इन्होंने माफ़ नहीं किया। लेकिन हमारी झारखंडी सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील थी। झारखंडी सरकार ने किसानों का दो लाख रूपये तक ऋण माफ किया। साथ लाख किसानों का ऋण माफ हुआ। मंईयां सम्मान की चर्चा पूरे देश में है। भाजपा झारखण्ड में दशकों तक शासन किया, क्यों नहीं इन्होंने महिलाओं के लिए योजना लेकर आए। क्योंकि ये अपने आला कमान की बातों और नागपुर से आदेश लेते हैं आप जनमानस की नहीं सोचते हैं।
आप झारखंड के साथ भेदभाव करते हैं। आपकी मनुस्मृति ऐसी है। ये देश चलेगा तो बाबा साहब के संविधान के अनुसार चलेगा। किसी की मनुस्मृति से ये देश नहीं चलेगा। ये झारखंड तो बिल्कुल नहीं चलेगा। ये भगवान बिरसा मुंडा, फूलो झानो, दिशोम गुरु शिबू सोरेन का झारखंड है। ये झारखंड हमारे आवाम का झारखंड है। कल्पना सोरेन ने कहा आप अपने राज्य में अपनी आदिवासी बेटियों को बचा सकें। इनमें इतना दम नहीं है। जब झारखंड में चुनाव होता है तो ये आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के हितैषी बन जाते हैं।