रांची: सीट बंटवारे को लेकर इंडी गठबंधन के घटक दलों के बीच शुरू से ही खींचतान चल रही थी। शुरुआत से ही राजद पिछली बार की अपेक्षा इस बार सीट बढ़ाने की बात कर रहा था। परंतु इस मामले में बात नहीं बन सकी थी। इसके बाद कई राउंड की चर्चा के बाद रांजद गठबंधन के तहत 6 सीटों पर लड़ने को राजी हो गया मगर दो सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतार दिए। वहीं इस प्रकार गठबंधन के विरूद्ध जाकर इस चुनाव को फ्रेडली फाईट का नाम दिया। मालूम हो कि ईडी गठबंधन के घटक दलों के बीच विधानसभा की तीन सीटों पर आपस में सहमति नहीं बन सकी थी। इसलिए पलामू जिले की बिश्रामपुर व छतरपुर सीट पर इंडी गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस व राजद के उम्मीदवार आपस में टकरा रहे हैं।
वहीं ईडी गठबंधन के अन्य घटक दल माले ने भी गठबंधन के विरूद्ध जाकर धनवार में झामुमो के रहते माले के उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सबसे इत्तर, बिश्रामपुर व छतरपुर में पलामू जिला झामुमो ने राजद के बदले कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला लिया है। जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिन्हा के निर्देश पर दोनों विधानसभा क्षेत्रों में झामुमो के नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन पर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। झामुमो ने इस विधान सभा चुनाव में राजद का साथ छोड़ दिया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस पहले से ही कहती रही है कि बिश्रामपुर व छतरपुर सीट गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में है। लेकिन राजद ने इन दोनों सीटों पर जबरन उम्मीदवार दिया है। राजद को गठबंधन के तहत सिर्फ छह सीट मिली है। लेकिन उसने सात सीटों पर उम्मीदवार दिया है। राजद को पलामू में केवल हुसैनाबाद की सीट मिली है। इधर, बिश्रामपुर व छतरपुर में राजद उम्मीदवार भी अपने को इंडी गठबंधन का प्रत्याशी बता वोटरों को लुभा रहे हैं।