झारखंड के रांची से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जहां एक युवक की जन्म से 9 साल पहले ही नौकरी लग गई। दरअसल युवक आसिफ अंसारी का जन्म 1993 में हुआ, लेकिन उसकी नौकरी झारखंड गृह रक्षा वाहिनी में 1984 में ही लग गई थी, सुनने में थोड़ा अजीब है पर यह सच है। फिलहाल पुलिस की टीम आसिफ को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘लोकसभा चुनाव के दौरान फर्जी तरीके से होमगार्ड जवानों की भर्ती की सूचना मिली थी, इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई, अब जाकर मामले का खुलासा हुआ है।’ पुलिस अधिकारी में आगे बताया कि ‘आसिफ को फर्जी तरीके से लापता होमगार्ड जवान के रूप में गृह रक्षा वाहिनी के पदाधिकारी और कर्मियों की मदद से नियुक्त किया गया था, जब विभागीय जांच की गई तो पता चला कि आसिफ अंसारी का बैच नंबर 15181 है, यह बैच नंबर एक लापता जवान का है। जवान और आसिफ के जन्म तिथि में करीब 9 साल का अंतर है, इससे साफ है कि आसिफ ने नौकरी पैसे देकर ली है।’
इतना ही नहीं फर्जी तरीके से भर्ती हुए आसिफ अंसारी के पिता जाकिर अंसारी भी होमगार्ड जवान के रूप में तैनात हैं, लेकिन उन्हें भी अपने बेटे के बाद नौकरी मिली है। हालांकि जाकिर अंसारी की भर्ती फर्जी नहीं है। फिलहाल पुलिस ने 5 लोगों पर FIR दर्ज की है, इसमें आसिफ अंसारी के साथ जयदेव टोप्पो, आरिफ अंसारी, निसार अहमद और होमगार्ड के डिप्टी कमांडेंट कैलाश यादव का नाम भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि ‘जिस तरीके से फर्जी नौकरी की प्रक्रिया का खेल किया गया है उससे लगता है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे नए-नए खुलासे होंगे।’