रांची: आठ महिने बाद भी एसआईटी नहीं पता लगा पाई कि परीक्षा के पेपर कहां से लीक हुए। मालूम हो कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 28 जनवरी 2024 को आयोजित जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। इसके बाद आयोग ने पहले थर्ड पेपर यानी सामान्य परीक्षा रद्द कर दी थी। लेकिन इसे लेकर अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद आयोग को तीनों पेपर की परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। वहीं इस मामले की जांच के लिए रांची पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था। एसआई टी अब तक ये नहीं बता पाई की परीक्षा के पेपर एजेंसी, जेएसएससी, ट्रेजरी, सेंटर या फिर प्रिंटिंग प्रेस या किसी अन्य स्रोत से ,कहां से पेपर लीक से हुआ? यही नहीं इसके अलावा एसआईटी की चार्जशीट में परीक्षा लेनेवाली एजेंसी ‘सेटवेट’ का भी कोई जिक्र नहीं है।
देखा जाए तो एक तरह से एसआईटी की जांच में ‘सेटवेट’ को क्लीनचिट दे दिया गया है। जबकि पेपर लीक की खबरों के बाद जेएसएससी ने इस एजेंसी को पेपर लीक मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया था। बता दें जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक एसआईटी 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इनमें शहनवाज इमाम, शहजादा इमाम, मो शमीम, अभिषेक कुमार, राहुल पीयूष, सत्येंद्र कुमार, दीनानाथ कुमार, अमन सिंह, वीरेंद्र कुमार शर्मा और शंकेश का नाम शामिल हैं। ताजा तरीन इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर 25 सितंबर को झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। बता दें इसको लेकर जनहित याचिका दाखिल की गयी है। इस याचिका में मांग की गयी है कि पेपर लीक मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच करायी जाये। क्योंकि, एसआईटी की जांच अभी तक सार्वजनिक हो पायी है और न ही जांच में कोई तथ्य सामने आ पाये हैं। हालांकि, एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट अदालत में सौंप चुकी है। वहीं इस जनहित याचिका पर सुनवाई की तारीख सूचीबद्ध नहीं हुई है।