रांची: जेएसएससी परीक्षा गड़बड़ी मामले को लेकर आयोग ने डीसी से रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा कि अभ्यथियों के द्वारा सौंपे गए पेन ड्राईव में गड़बड़ी के सबूत प्राप्त हुए है। मालूम हो कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल)-2023 को लेकर रांची और हजारीबाग के उपायुक्तों को अत्यावश्यक पत्र लिखा है। इस पत्र में आयोग ने उपायुक्तों को 24 घंटे के अंदर प्राप्त परिवाद के आलोक में जांच कर सुस्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। बता दें जेएसएससी के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता के हस्ताक्षर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि सीजीएल परीक्षा के अभ्यर्थियों के परिवाद व राज्यपाल के प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश मिला है।
प्राप्त परिवाद की कंडिका-3 में हिंदू हाइस्कूल हजारीबाग (परीक्षा केंद्र कोड-492) के कमरा नंबर-4 में एक पुलिस अफसर ने एक लड़की को खड़ा होकर उत्तर बताये हैं। यह जानकारी एक लड़की ने वॉयस मैसेज के माध्यम से भेजी है। इस प्रकरण की जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। वहीं इसे लेकर रांची के उपायुक्त से परिवाद की कंडिका-4 के अनुसार प्रोजेक्ट गर्ल्स हाइस्कूल बेड़ो रांची केंद्र (केंद्र कोड-711) में 21 सितंबर को प्रथम पाली में पेपर-2 की जगह पेपर-2 दे दिया गया और आंसर बुकलेट पेपर-3 का दिया गया, जो प्रश्न से पहले दिया जाता है। फिर एक घंटा का समय बीत जाने के बाद पेपर-3 दिया गया, जिसके कारण उत्तर बुकलेट और प्रश्न बुकलेट नंबर मैच नहीं हुआ। आयोग ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध करायी जाये।
जानकारी हो कि सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत करनेवाले अभ्यर्थियों को भी आयोग ने शनिवार को पुन: पत्र लिखा है।अपने पत्र में आयोग ने एक्जाम फाइटर कोचिंग सेंटर के कुणाल प्रताप सिंह, अभ्यर्थी आशीष कुमार, प्रकाश कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार व प्रेमलाल ठाकुर से सहयोग करने को कहा है। इसमें कहा गया है कि परिवाद की कंडिका-1 के मुताबिक रांची के बेथनी कॉन्वेंट हाइस्कूल (केंद्र कोड-776) केंद्र के बाहर एक छात्र ने 22 सितंबर की प्रथम पाली शुरू होने के पूर्व किसी अन्य एक छात्र को फोन पर बातचीत कर उत्तर लिखते हुए देखा। तब उस छात्र ने स्वयं भी उत्तर नोट किया। परीक्षा के बाद उत्तर मिलाया, जो हू-ब-हू मिल गया। जिस छात्र ने यह देखा, वह पूछताछ में सहयोग करने को तैयार है। परिवाद की कंडिका-1 के संबंध में कोई साक्ष्य समर्पित नहीं किया गया है।
साथ ही आपके द्वारा समर्पित सीडी बिलकुल खाली है। उसमें कोई साक्ष्य नहीं है। हालांकि, पेन ड्राइव खाली नहीं है, 30 सितंबर को दोपहर 3:00 बजे आयोग कार्यालय में साक्ष्य के साथ उपस्थित हों, ताकि जांच की कार्रवाई पूर्ण की जा सके। गौरतलब है कि 21 व 22 सितंबर को राज्य के 823 केंद्रों पर तीन पालियों में जेएसएससी की ओर से सीजीएल परीक्षा आयोजित की गयी थी। इसमें 3,04,769 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है, साथ ही अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि 22 सितंबर की परीक्षा शुरू होने के पहले ही प्रश्नों का जवाब कई अभ्यर्थियों के पास पहले से ही मौजूद था। इतना ही नहीं पेपर-3 में गणित, रिजनिंग व कंप्यूटर का 60 प्रश्न व पेपर-1 का हिंदी व अंग्रेजी के 120 प्रश्न रिपीट था। इसमें प्रश्नों की क्रम संख्या, कॉमा, फुल स्टॉप तक नहीं बदले गये थे। प्रश्न का पूरा सेट ही परीक्षा में पूछा गया था। वहीं इसे लेकर भाजपा भी जेएसएससी और हेमंत सरकार पर लगातार हमलावर है। बाबूलाल मरांडी ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।