पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण रविवार को हो गयी। वह बिहार के मुजफ्फरपुर जिले रहने वाले थे। उनकी पहचान एक कड़क आईपीएस अधिकारी के रूप में होती थी। जिसकी झलक उन्होंने पलामू में दिखाई थी। दरअसल, 26 फरवरी 1982 को पदस्थापन यहां पर हुआ था। वर्ष 1983 तक वे यहां के एसपी रहे। बता दें कि एसपी कुणाल ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली। पलामू से उनका ट्रांसफर हो जाने के बाद अपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों ने राहत की सांस ली थी।
साहिबगंज में हुई थी पहली पोस्टिंग
साहिबगंज जिले के 9वें एसपी के रूप में आचार्य किशोर कुणाल पदस्थापित रहे थे। उन्होंने साहिबगंज जिले में 23.11.78 से लेकर 07.04.80 तक कार्य किया। संभवतः एसपी के रूप में (अविभाजित बिहार) साहिबगंज में उनकी पहली पोस्टिंग थी। उन्होंने राजमहल, बोरियो में आदिवासियों के लिए काफी काम किया था। अक्सर पहाड़ों पर हेल्थ कैंप लगाया करते थे।
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किशोर कुणाल ने अपने अल्प कार्यकाल के दौरान ही ऐसी छाप छोड़े कि वे यहां के दिलों में बस गये। अपराधियों के बीच उनके नाम का जबरदस्त खौफ था। एसपी किशोर कुणाल ने चार्ज लेते ही घुड़सवार पुलिस पेट्रोलिंग चलाया। इस पेट्रोलिंग में छह जवान और एक हवलदार शामिल रहते थे। रात के वक्त वह खुद जीप से गश्ती करते थे। पलामू जिले में उस समय कई नामी गिरामी अपराधियों की तूती बोलती थी, लेकिन एसपी कुणाल किसी की नहीं सुनते थे।