राची: भाजपा के राष्ट्रीय नेता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने 11 नवंबर को मारू टावर स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जमकर मलाई मारो यानी जेएमएम के नेतृत्व में चल रही महाठगबंधन सरकार ने पिछले 5 साल में लगभग 60 भ्रष्टाचार के काम किए। उन्होंने कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार की काई हर विभाग और औधे तक फैल गयी है, जिसमे नेताओं से लेकर आला अधिकारी शामिल है। राज्य की विकास और लोगों के कल्याण के लिए भेजी हुई राशि को सत्ता में बैठे हुए लोग अपने लालच की भेंट चढ़ा रहे है।
झारखंड में भ्रष्टाचार का संकट इतना गंभीर हो गया है कि सरकारी छापों का सिलसिला समाप्त ही नहीं हो रहा है। 9 नवंबर, 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव के यहां छापा इसका सबसे बड़ा उदहारण है। इनकम टैक्स ने श्री श्रीवास्तव के 17 ठिकानों पर छापा मारा है। इस दौरान 150 करोड़ की बेनामी संपत्ति और दस्तावेज जब्त किये गए। 8 अक्टूबर, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई स्थानों पर छापे मारे, जिनमें अंचल अधिकारियों (सीओ) और जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) के निवास शामिल थे। इन छापों में बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई. जो वित्तीय अनियमितताओं के व्यापक पैमाने को उजागर करती है। धनबाद डीटीओ सहित कांके और नामकुम के अंचल अधिकारियों पर ईडी की भूमि घोटाले की जांच को प्रभावित करने के लिए ₹5.71 करोड़ की डील करने के आरोप है।
झारखंड सरकार के ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खातों में धोखाधड़ी कर 56 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में गठित एसआईटी टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही. एसआईटी की छापेमारी में 37 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी ने अवैध खनन और भूमि घोटालों में मनी लॉन्डिंग के आरोप लगाए है, जिनमें 1,000 करोड़ से अधिक की अवैध आय का खुलासा हुआ है। अपने आप को धरती पुत्र कहने वाले हेमंत सोरेन ने आदिवासियों की 8.5 एकड़ जमीन अवैध तरीके से हड़प ली। इस मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार चार्जशीट किए गए दो लोग हेमंत सोरेन के करीबी सहयोगी है पंकज मिश्रा को झामुमो का प्राथमिक वित्तीय प्रबंधक कहा जाता है और वह प्रमुख मामलों पर हेमंत सोरेन को सलाह देते रहे हैं।
झामुमो सरकार के राज में रिश्वत की जीत, ईमानदारी की हार हुई है। जहां एक तरफ भू-माफिया को झारखंड में खुली छूट मिली हुई है, वही भूमि स्वामित्व उत्परिवर्तन प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए है। प्रवर्तन निदेशालय ने 14 मार्च को कथित जबरन वसूली, लेवी संग्रह, अवैध रेत खनन और भूमि हड़पने से संबंधित केंद्रीय एजेंसी की जांच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 12 मार्च 2024 को कांग्रेस नेता सुश्री अंबा प्रसाद के आवास पर छापा मारा, जिसमें लगभग 35 लाख की ‘अस्पष्टीकृत’ नकदी और दस्तावेज जब्त किए।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जून 2023 में 250 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले के खुलासे ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मॉडल का पर्दाफाश कर दिया है। दो निजी कंपनियों, ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड ने कथित तौर पर इस बड़े पैमाने पर घोखाधड़ी को अंजाम दिया, जिसके कारण बिहार और झारखंड के लोग त्रस्त हैं। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 27 स्थानों पर की गई छापेमारी से हुए खनन घोटाले के खुलासे ने सत्तारूढ़ गठबंधन के भ्रष्टाचार और कथित मनी लॉन्ड्रिंग मॉडल को उजागर कर दिया है।
14 नवंबर, 2022 को कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी। इन दोनों पर 100 करोड़ से भी अधिक संपत्ति के अर्जित करने का आरोप है। अक्टूबर, 2024 में झारखंड ऊर्जा निगम के खाते से लगभग 109 करोड़ की राशि धोखाधड़ी से झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) के फर्जी खाते में स्थानांतरित की गई थी। एसआईटी की छापेमारी के बाद 35 करोड़ की राशि को फ्रीज़ कर दिया गया है।
अक्टूबर, 2024 में झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDC) में 100 करोड़ का घोटाला भी सामने आया है। घोटाले के कारण प्राकृतिक संसाधनों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत होने के बावजूद, झारखंड देश के शीर्ष 10 पर्यटन राज्यों में शामिल नहीं है। झामुमो सरकार ने राज्य के आदिवासी युवाओं को औद्योगिक प्लॉट उपलब्ध कराने का वादा किया था। हालांकि, अप्रैल 2022 में इस उद्देश्य के लिए केवल हेमन्त सोरेन की पत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन ही मिल सकीं। हेमन्त सोरेन उद्योग विभाग के प्रमुख हैं, इसलिए, सीएम की पत्नी के नेतृत्व वाली एक कंपनी को रांची औद्योगिक परिसर में 11 एकड़ के भूखंड का आवंटन भाई-भतीजावाद और पक्षपात के बारे में गंभीर सवाल उठाता है।
घोटाले की मशाल को जलाये रखने की जिम्मेदारी झामुमो के साथ कांग्रेस भी बांट रही है। एक ओर जब बूंद बूंद पानी के लिए झारखंड की जनता तरस रही है, वही दूसरी और कांग्रेस के नेता अपनी जेबें भर रहे है, जिसका जीता जगता उदाहरण कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू है, जिनके पास से350 करोड़ रूपए नकदी बरामद हुए थे। कांग्रेस के आलमगीर आलम आलम चार विभागों को संभाल रहे थे, जिनमें ग्रामीण विकास, संसदीय मामले और ग्रामीण कार्य और पंचायती राज शामिल थे, लेकिन बाद में 11 जून 2024 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जब उन्हें चंपाई सोरेन सरकार से एक कथित निविदा घोटाले में गिरफ्तार किया गया था।
15 मई 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में श्री आलम को गिरफ्तार किया था। 6 मई 2024 को उनकी गिरफ्तारी से पहले, ईडी ने श्री आलम के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक को उनके साथ जुड़े एक फ्लैट से 36 करोड़ से अधिक की जब्ती के बाद गिरफ्तार किया था। यही नहीं अपने कार्यकाल में काम दिए जाने वाले हर ठेकेदार से रिश्वत मिली थी। भुगतान का हिस्सा आवंटित कार्यों के मूल्य का 1.5% था।
उन्होंने कहा कि आज का दिन झारखंड के इतिहास में “भ्रष्टाचार उजागर दिवस” के तौर पर याद किया जाएगा। आज इस झामुमो- कांग्रेस ठगबंधन सरकार की सच्चाई निकल कर सभी के सामने आ गई है। आज झामुमो से लेकर कांग्रेस तक के सभी नेताओं की घूसखोरी की जो वीडियो सामने आयी है, वो इस वर्तमान सरकार के कार्यकाल की सच्चाई बताने के लिए काफी है। वर्तमान सरकार के मुखिया और उनके करीबियों के घरों पर जब ईडी और इनकम टैक्स छापेमारी करने पहुंचती है तो ये रुदालियों की तरह रोना शुरू करते हैं। आज जब इनके नेताओं के 10 करोड़, 15 करोड़, 20 करोड़ मांगने की वीडियो वायरल हो रही है, तब ये ठगबंधन चुप चाप अपने बिल में घुसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन के नेता रहे चंपाई दा को पार्टी से निकाल कर हेमंत बाबू ने रामदास सोरेन को मंत्री बनाया, उन्होंने सोलर प्लांट लगाने के बदले 10 करोड़ की डील कर ली। मैं पूछना चाहता हूं आख़िर इस लूट और वसूली के पैसे में कितनी हिस्सेदारी हेमंत सोरेन का गछा हुआ था। कितना % हेमंत सोरेन ने मंत्री पद बेचने के लिए सेट किया था। इनके एक अन्य नेता हैं मथुरा महतो। इन्हें 15% से कम में संतुष्टि नहीं मिलती। बताइए हेमंत सोरेन मथुरा महतो को टुंडी का जल-जंगल जमीन बेचने की छूट देने के लिए कितना सेट किया था? टुंडी के हमारे कुर्मी महतो, आदिवासी सहित सभी भाइयों से मैं ये कहना चाहता हूं. आने वाले दिनों में आपके यहां मतदान है। आपके, आपके बच्चों के सपनों को बेचने वालों को याद रखिए। इनके असली चेहरों को पहचानिए।
बहरागोड़ा से जेएमएम के विधायक प्रत्याशी समीर मोहंती की भी 10 करोड़ घूस की मांग करते हुए वीडियो सामने आयी है। बहरागोड़ा के लोग इन्हें याद रखें। ये साल दर साल अपना खज़ाना भरेंगे। विकास के नाम पर ठेंगा दिखाते रहेंगे। उमाशंकर अकेला कांग्रेस के विधायक थे। बरही से लेकर चौपारण तक गरीबों की जमीनें लूटने के बाद भी जब इनका पेट नहीं भरा तो घूसखोरी करके पैसे जमा करने में लग गए हैं। गुमला के जेएमएम विधायक भूषण तिर्की और सिमडेगा के कांग्रेस विधायक भूषण बाड़ा तक की करोड़ों में घूस की मांग करते हुए वीडियो बच्चे बच्चे के मोबाइल में चल रही है।
हेमंत सोरेन बताइए कि ये सभी उनके करीबी विधायक रहे हैं या नहीं? आखिर किस गरीब आदिवासी के कल्याण के लिए घूस की मांग की जा रही थी?किस झारखंडी मूलवासी के कल्याण के लिए ये वसूली की जा रही थी? आपके झूठ का पर्दाफाश हो चुका है। जनता सच जान चुकी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भी कहा है- ग़रीबों की एक-एक पाई वापस लेकर रहेंगे। और एक नहीं हमारी सभी संवैधानिक एजेंसियों से अपील है झारखंड के इन विषैले घूसखोरों के एक एक ठिकाने की जांच पूरी तह तक हो, ताकि भ्रष्टाचार का पैसा, जनता के काम आ सके। इस असर पर पार्टी के प्रेस प्रवक्ता अजय साह और सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाईक भी मौजूद थे।