रांची: एक पर एक खुलासे एक पर एक आरोप जेएसएससी परीक्षा को लेकर विपक्ष शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा। अब एक बार पुन: बाबूलाल मरांडी ने अपने ट्वीटर से खुलासा करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि प्रश्न पत्र के उत्तर पहले की पर्ची में लिख कर लाए गए थे वो भी सिर्फ उत्तर। इसे लेकर बाबूलाल मरांडी ने सरकार और प्रशासन पर परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए। बाबूलाल ने अपने ट्वीट पर पोस्ट करके कहा कि इंटरनेट बंद कर, हाई कोर्ट में झूठ बोलकर हेमंत सोरेन क्या इसी करतूत को छिपाना चाहते थे? JSSC CGL के पेपर 3 की परीक्षा सुबह 8:30 बजे से होनी थी, लेकिन किसी ने परीक्षा में आने वाले प्रश्नों का उत्तर पहले से ही लिख रखा था। कुछ फोटो वायरल हो रहे हैं, जिनमें कल की तारीख और समय भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
कल परीक्षा के बाद भी कई जगह छात्रों ने प्रश्न पत्र के सील पहले से टूटे होने की बात कही। जिसके बाद आनन फानन में बिना छात्रों का पक्ष जाने कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने प्रेसवार्ता भी कर दी। हेमंत सरकार ने जिस तरह से हाई कोर्ट में झूठ बोला है, भ्रष्ट अधिकारी और विद्यालय प्रबंधन ने हड़बड़ी में स्पष्टीकरण जारी किया है, उससे लगता है कि दाल में जरूर कुछ काला है! हेमंत सरकार ने इंटरनेट बंदी की आड़ में सीट बेचने का खेला कर दिया है। वहीं हजारीबाग के जनसंपर्क विभाग से इसे लेकर सूचना जारी की गयी कि परीक्ष कदाचार मुक्त हुई है साथ ही जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि जेएसएससी/ सीजीएल प्रतियोगिता परीक्षा के अंतिम दिन 22 सितंबर को परीक्षा समाप्ति के उपरांत स्थानीय जैक एंड जिल स्कूल के परीक्षा केंद्र में प्रेस मीडिया द्वारा कथित प्रश्न पत्र की सील खुली होने की सूचना पर जिला प्रशासन ने त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित केंद्र अधीक्षक से विस्तृत जांच रिपोर्ट की मांग की गई।
जिस पर जैक एंड जिल विद्यालय में प्रतिनियुक्त केंद्र अधीक्षक द्वारा एक जांच रिपोर्ट प्रतिवेदित की गई है। उन्होंने बताया है कि परीक्षा के प्रारंभ से लेकर समापन तक की सभी गतिविधि को सीसीटीवी की निगरानी में की गई है। सभी प्रश्न पत्र पूर्ण रुप से आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए सील्ड लिफाफे में थे, जिन्हें अभ्यर्थियों के उपस्थिति में खोला गया है,जिसकी पुष्टि उपस्थित अभ्यर्थियों द्वारा भी की गई है। साथ ही उन्होंने अवगत कराया है कि जेएसएससी (JSSC) एवं जिला स्तर से दिए गए सभी निर्देशों एवं SOPs का विद्यालय में प्रतिनियुक्त केंद्र अधीक्षकों एवं सभी विक्षकों द्वारा कड़ाई से अनुपालन किया गया है।