रांची: बाबूलाल मरांडी ने एक बार पुन: हेमंत सरकार की घेराबंदी की है। अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर ट्वीट कर मरांडी ने हेमंत को दुर्भवना से ग्रसित और अहंकारी बताया । उन्होने अपने पोस्ट में लिखा कि झारखंड की अनुपम प्राकृतिक सौंदर्यता को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने और पर्यटन क्षेत्रों को विकसित कर लाखों रोजगार सृजित करने के लिए केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, लेकिन दुर्भावना से ग्रसित हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव के लिए कोई योजना भेजने में रुचि नहीं दिखाई। दरअसल, केंद्र सरकार ने देशभर के सभी राज्यों को पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का प्रस्ताव दिया, जिसमें राज्य सरकारों से पर्यटन क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का प्रस्ताव मांगा गया था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव के लिए कोई भी योजना नही भेजी।
अनुमानित था कि इस प्रस्ताव के माध्यम से 10 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होने थे और झारखंड के पर्यटन क्षेत्र में लगभग 15% की वृद्धि दर्ज होती, पर युवाओं की नौकरियों का श्रेय कहीं केंद्र की मोदी सरकार को न चला जाए और हेमंत सोरेन जी की नाकामी जनता के सामने न आ जाए, इस कारण हेमंत सोरेन ने 10 हजार युवाओं की नौकरियों और राज्य की प्रगति को दांव पर लगा दिया। 5 सालों में ऐसी सैकड़ों स्कीमें हैं जिसमें हेमंत सोरेन सरकार ने केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद को अपने अहंकार के चलते ठुकरा दिया।
जहां एक ओर प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरी के झूठे वादे ने युवाओं की कमर तोड़ दी, वहीं दूसरी ओर आपके अहंकार और झारखंड विरोधी सोच ने केंद्र सरकार से मिल रहे अनुदान से सृजित लाखों नौकरियों की संभावनाओं को हकीकत में लागू होने से पहले ही मिट्टी में मिला दिया।
हेमंत जी, आपकी इस नकारात्मक राजनीति ने झारखंड के लाखों परिवारों को पलायन, बेरोजगारी और भुखमरी का दंश झेलने को मजबूर कर दिया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने और काली कमाई से अपनी तिजोरी भरने में हेमंत इतने मशगूल हैं कि उन्हें झारखंड के विकास और भविष्य की तनिक भी परवाह नहीं है।बार-बार अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने का प्रयास करने वाले हेमंत सोरेन को जनता उचित सबक सिखाएगी।