रांची: उर्दू रिसर्च स्कॉलर्स एसोसिएशन मुसाफिरखाना अंजुमन प्लाजा में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मोहम्मद इकबाल, तनवीर मजहर, शगुफ्ता बानो और आसमा परवीन शोधार्थी ने कहा कि मौलाना आजाद कॉलेज रांची में लेक्चरर की बहाली के लिए 2016, 2019 और 2022 में विज्ञापन निकाला गया। 2022 का विज्ञापन में कई छात्रों ने 500 का फीस देकर एप्लीकेशन दिया लेकिन बिना एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडेक्स को जारी किए मौलाना आजाद कॉलेज कमेटी ने मनमानी तरीके से तीन लोगों को उर्दू में और दो लोगों को इतिहास विषय में लेक्चरर की बहाली कर दी । आगे भी जितनी पद है उन्हें बेचने की तैयारी मौलाना आजाद कॉलेज कमेटी कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम लोगों ने मौलाना आजाद कॉलेज के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखा, रांची विश्वविद्यालय कुलपति को चिट्ठी लिखा गया और जेपीएससी के अध्यक्ष से मिलकर शिकायत की गई इस तरह की बहाली को रोका जाए। उन लोगों ने आश्वासन भी दिया लेकिन उसके बावजूद भी छोटे अखबार में विज्ञापन निकाल कर तीन लोगों को फॉर्म भराया गया उन्हीं तीनों का मेरिट लिस्ट तैयार कर उन्हें बहाल करने के लिए आगे फाइल बढ़ाया गया और सिंडिकेट से भी पास हो गया । उन्होंने कहा कि 2022 के विज्ञापन कॉलेज के वेबसाइट में और रांची विश्वविद्यालय के वेबसाइट में भी नहीं डाला डाला गया। उन्होंने कहा की की इस तरह के बहाली को रद्द किया जाए और फिर से विज्ञापन जारी कर बहाली फिर से किया जाए, अगर ऐसा नहीं होता है तो हम लोग कोर्ट में कालेज कमेटी प्रबंधन, रांची विश्वविद्यालय और जेपीएससी के खिलाफ जाने की तैयारी में है।