झारखंड में होने वाले लोकसभा चुनाव में इस बार सभी बड़ी पार्टियों ने विधायकों पर अपना भरोसा जताया है। पार्टी का कहना है कि विधायकों का अपने क्षेत्र पर पकड़ मजबूत होता है, इसलिए उनसे बेहतर केंडिडेट और कोई नहीं हो सकता । हालांकि पार्टी ने भरोसा भी उन्हीं विधायकों पर जताया है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में काम किया है। आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो इस बार 14 में से 12 सीटों पर पार्टिय़ों ने विधायक पर भरोसा जताया है।
मिली जानकारी के अनुसार, इन विधायकों की लिस्ट में भाजपा से सीता सोरेन, मनीष जायसवाल और ढुल्लू महतो हैं। वहीं जेएमएम से समीर मोहंती, जोबा मांझी, मथुरा महतो और नलिन सोरेन हैं तो कांग्रेस से जेपी पटेल, प्रदीप यादव और वामदल के माले पार्टी से विनोद सिंह का नाम शामिल हैं। जबकि चमरा लिंडा और लोबिन हेंब्रम पार्टी से बगावत करते हुए लोकसभा चुनाव में अपना किस्मत आजमा रहे हैं।
बता दें कि विधायकों को सांसद चुनाव लड़ाने का ट्रेड इस बार ही नहीं, बल्कि पिछले कई सालों से चला आ रहा है। पार्टियों को ऐसा लगता है कि विधायक को सांसद का चुनाव लड़ाने से उनकी जीत पक्की हो जाती है। झारखंड के रिकॉर्ड के हिसाब से करीब 41 प्रतिशत विधायक ही सांसद बन पाते है, बाकि के सांसद इस रेस में विफल हो जाते है। हालांकि इस बार भी सभी पार्टियों ने यहीं दाव खेला है, अब देखते है इसका परिणाम क्या आता है।