रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुमलों के बाजीगर है वह जब झारखंड के बारे में कहते हैं तो झारखंड वासियों के जख्मों को कुरेदने का काम करते हैं। उक्त आरोप लगाते हुए लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि रोटी, बेटी और माटी की जब मोदी जी बात करते हैं तब उन्हें कुछ स्मरण नहीं रहता है। जब इंडिया गठबंधन रोटी की बात करती है तो ध्रुवीकरण के लिहाज से बोटी और गाय की बात मोदी जी करते हैं। बेटी के बारे में बात करने से पहले उन्हें मणिपुर को याद करना चाहिए जहां महिलाओं पर लगातार अत्याचार हुए लेकिन सदन के अंदर चर्चा तक उन्होंने कराने की आवश्यकता नहीं समझी और मणिपुर की घटना पर चुप्पी साधे रहे और मणिपुर जाना भी उचित नहीं समझा।
झारखंड की माटी के बारे में मोदी जी को मौन ही रहना चाहिए क्योंकि 2016 में झारखंड में भाजपा सरकार ने 22 लाख एकड़ सामुदायिक जमीनों,सना मसना आदि सामाजिक उपयोग की जमीनों का लैंड बैंक बनाकर उसे औद्योगिक घरानों को सौंपने की तैयारी की जबकि झारखंड की जमीनों के लिए सीएनटी और एसपीटी का सुरक्षा कवच बना हुआ है। मोदी जी कहते हैं कि देश सुरक्षित हाथों में है,तब देश में घुसपैठ कैसे हो रहा है। सभी सुरक्षा बल और सुरक्षा एजेंसी मोदी जी और उनके सिपाहसालारों के पास हैं लेकिन फिर भी घुसपैठ की बात करते हैं तो इसका मतलब है कि वह अपनी नाकामी को स्वीकार कर रहे हैं। भाजपा 370 हटाने का श्रेय लेते हैं और कश्मीर में शांति का दावा करते हैं लेकिन 2024 के 100 दिनों के कार्यकाल में 26 आतंकी हमले हुए 21 जवान शहीद हुए और 29 आम नागरिक मारे गए 47 नागरिक घायल हुए और भी घटनाएं लगातार हो रही है परंतु देश की आवाम से मोदी जी झूठ बोले जा रहे हैं ।
मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को त्याग दिया है उनके शब्द होते हैं बँटोगे तो कटोगे जब कि उन्हें कहना चाहिए कि एक रहेंगे देश को आगे बढ़ाएंगे।उनके शब्द हमेशा मर्यादा के विपरीत रहे हैं,लोकसभा चुनाव में देश ने उनके मर्यादाविहीन शब्द सुने हैं। झारखंड निर्माण के बाद पिछड़े वर्ग को मिलने वाले 27% आरक्षण की सीमा को घटाकर भाजपा सरकार ने 14% कर दिया था जिसका दंश पिछड़ा वर्ग समाज आज भी झेल रहा है। महा गठबंधन की सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर भेजा है जो लंबित है और यहां मोदी जी घड़ियाली आंसु बहाने आते हैं। पेपर लीक पर सदन में चर्चा तक नहीं कराई गई स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।
आदिवासी समुदाय के प्रति झूठे प्रेम का नाटक करने वाले मोदी जी ने देश की संवैधानिक व्यवस्था की प्रमुख संविधान और संसद की कस्टोडियन देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित तक नहीं किया यह आदिवासियों का घोर अपमान है। आदिवासियों की धार्मिक पहचान के लिए सरना धर्म कोड को लागू करने से भाग रहे हैं। मोदी जी और उनके सलाहकार झारखंड को उद्योगपतियों का उपनिवेश बनाना चाहते हैं।संवाददाता सम्मेलन को अखिल भारतीय सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने भी संबोधित किया। संवाददाता सम्मेलन में मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा अध्यक्ष सतीश पॉल मुंजनी,सोनाल शांति, जगदीश साहू,ऋषिकेश सिंह, हृदयानंद यादव उपस्थित थे।