खजुराहो: अटल बिहारी वाजपेई के जन्मशती के शुभ अवसर पर पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात दी। आज केन बेतवा लिंक परियोजना का पीएम ने शिलान्यास किया। इस दौरान पीएम ने अपने संबोधन मे कहा कि आज ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास भी हुआ है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट का भी लोकार्पण हुआ है और ये मध्य प्रदेश का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट है। मैं इन परियोजनाओं के लिए मध्य प्रदेश को ढेर सारी बधाई देता हूं। आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है। मैं देश और दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की ढेर सारी बधाई देता हूं। मोहन यादव जी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार का एक साल पूरा हुआ है। मध्य प्रदेश के लोगों को, भाजपा के कार्यकर्ताओं को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।आज श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती है। आज भारत रत्न अटल जी के जन्म के सौ साल हो रहे हैं।
अटल जी की जयंती का ये पर्व, सुशासन की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है। पिछले एक साल में मध्य प्रदेश ने विकास का एक महत्वपूर्ण दौर देखा है। आज हजारों करोड़ रुपये की लागत वाली अनेक विकास परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। विशेष रूप से, केन-बेतवा लिंक परियोजना और राज्य का पहला ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का शुभारंभ हुआ है। मैं इन उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए मध्य प्रदेश को हार्दिक बधाई देता हूँ। अतीत में कांग्रेस सरकारें, घोषणाएं करने में माहिर हुआ करती थीं। घोषणाएं करना, फीता काटना, दीया जलाना, अखबार में तस्वीर छपवा देना… उनका (कांग्रेस) काम वहीं पूरा हो जाता था और उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पाता था।
सुशासन का मलतब भी यही है कि अपने ही हक के लिए नागरिकों को सरकार के सामने हाथ न फैलाना पड़े, सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। यही तो शत प्रतिशत लाभार्थी को शत प्रतिशत लाभ से जोड़ने की हमारी नीति है। कांग्रेस पार्टी सत्ता के प्रति अपनी हकदारी का एहसास रखती है, वह ‘राज’ को अपना ‘जन्मसिद्ध अधिकार’ मानती है, लेकिन जब शासन की बात आती है, तो उसका ट्रैक रिकॉर्ड शर्मनाक है। वास्तव में, कांग्रेस शासन और सुशासन एक दूसरे के विरोधी हैं! जहाँ सुशासन होता है, वहाँ न केवल वर्तमान चुनौतियों बल्कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भी प्रयास किए जाते हैं।
हालाँकि, दुर्भाग्य से हमारे देश पर लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा… दशकों तक, मध्य प्रदेश के किसानों, माताओं और बहनों ने बूंद बूंद पानी के लिए संघर्ष किया। क्योंकि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थाई समाधान के लिए सोचा ही नहीं। जब देश में अटल जी की सरकार बनी, तब उन्होंने पानी से जुड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए गंभीरता से काम शुरू किया था। लेकिन 2004 में जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी, कांग्रेस ने अटल जी के सभी प्रयासों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज सात दशक बाद भी देश के अनेक राज्यों के बीच पानी को लेकर कुछ न कुछ विवाद है। जब पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक, कांग्रेस का राज था, तब ये विवाद आसानी से सुलझ सकते थे।
लेकिन कांग्रेस की नीयत खराब थी इसलिए उसने कभी भी ठोस प्रयास नहीं किए। बीता दशक, भारत के इतिहास में जल-सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा। केंद्र सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है कि देश और विदेश के सभी पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ें, यहां आना-जाना आसान हो। विदेशी पर्यटकों के लिए हमने ई-वीजा जैसी योजनाएं बनाई हैं। हालाँकि, कांग्रेस पार्टी ने कभी भी देश की जल संरक्षण की बढ़ती जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया और न ही कभी जल संरक्षणवादी के रूप में बाबा साहेब के प्रयासों को मान्यता दी। बाबा साहब अंबेडकर की दूरदर्शिता और दूरदर्शिता ने भारत के जल संसाधनों, जल प्रबंधन और बांध निर्माण को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अंबेडकर जी ने भारत में प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्तमान केंद्रीय जल आयोग के गठन के पीछे भी उनके प्रयास ही हैं।