झारखंड में वैसे तो पिछले 35 सालों से बीजेपी का दबदबा रहा है। लेकिन यहां की एक सीट पर मोदी लहर भी काम नहीं करती है। यह सीट है गिरिडीह लोकसभा सीट। यहां पर पिछले कई चुनावों में या तो बीजेपी की रणनीति बेअसर रही है या कमजोर। इसके पीछे की वजह है मथुरा महतो। राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले मथुरा महतो की पकड़ गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में काफी बेहतर मानी जाती है।
दरअसल, झारखंड के गिरिडीह लोकसभा सीट पर झामुमो तीन आम चुनाव में दूसरे स्थान पर रहा है। इस बार झामुमो ने मथुरा प्रसाद महतो को टिकट दिया है। मथुरा महतो टुंडी विधानसभा क्षेत्र के मजबूत नेता हैं। साल 2000 में महज 154 मतों से पराजित होने वाले मथुरा महतो क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे है। यहीं वजह है कि साल 2000 से 2014 तक के विधानसभा चुनाव में वह अकेले आंधी की तरह दूसरी पार्टियों से भिड़ते रहे।
ऐसे में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने उन्हें पुनः उम्मीदवार बनाया। इस बार उन्हें अपार जन समर्थन मिला। उन्होंने बीजेपी के विक्रम पांडेय के करारी शिकस्त दी। अब 2024 में झामुमो ने मथुरा को मैदान में उतारा है। इस बार भी यहां एनडीए की तरफ से चंद्रप्रकाश ही उम्मीदवार हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या जनता मथुरा का साथ देती है या नहीं। हालांकि इससे एक बात तो तय है कि गिरिडीह लोकसभा सीट पर मोदी लहर भी कमजोर पड़ जाती है।