साहिबगंज: बांग्लादेशी घूसपैठ का मुद्दा झारखंड में गहराता ही जा रहा है। भाजपा लंबे समय से इस बात को लेकर सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग कर रही है। वहीं अब मतदाता सूची में बांग्लादेशियों के नाम सामने आने से मामला गंभीर हो गया है। बांग्लादेशियों के घूसपैठ के मामलें यहां के थानों में दर्ज है वहीं पिछले साल राजमहल में पकड़ा गया एक बांग्लादेशी नागरिक भी यहां की जेल में बंद है उसे सजा हो चुकी है। इसके अलावा हैरान करनेवाली बात ये है कि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में एकाकक मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धी देखी गयी। इसे लेकर झारखंड में बवाल खड़ा हो गया। भाजपा लगातार इस बात से प्रशासन व सरकार को सचेत कर रही इस मामले में कोर्ट ने भी रिपोर्ट मांगा। वहीं अब भाजपा ने निर्वाचन आयोग से संथाल परगना में बांग्लादेशियों के घूसपैठ व मतदाता सूची में नाम शामिल होने की शिकायत की।
इसके बाद हुई जांच में एक भी घूसपैठिया चिन्हित नहीं हो सका था। वहीं राजमहल विधानसभा क्षेत्र के बीएलए वन कार्तिक कुमार साहा ने उपायुक्त सह जिला निर्वाची पदाधिकारी को वहां के कुछ संदिग्ध नामों की सूची उपलब्ध कराई है तथा उसकी जांच का अनुरोध किया है। बता दें इस मतदाता सूची में कई हैरान करने वाली बाते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 की मतदाता सूची व विधान सभा 2019 की मतदाता सूची का मिलान किया गया तो जो तथ्य सामने आए वो चौंकाने वाले थे। लोकसभा 2024, 25 जुलाई को प्रकाशित बूथ संख्या 343 की मतदाता सूची में गृह संख्या एक में 39 मतदाताओं का नाम है वहीं जब 2019 विधान सभा मतदाता की सूची निकाली गयी तो 30 जनवरी 2019 को प्रकाशित मतदाता सूची में गृह संख्या एक में मात्र चार लोगों का नाम था। अथार्त यानी मात्र एक गृह संख्या में 35 मतदाता बढ़ गए।
इसके बाद गहराई से पड़ताल की गयी तो सामने और भी हैरान करनेवाले तथ्य उजागर हुए। लोकसभा 2024 के चुनाव के दौरान जो मतदाता सूची बनी उसमें एक मतदाता सैयद अली की आयु 69 साल अंकित है जबकी उसके बेटे गफूर शेख की उम्र 67 इसके भी बड़ी बात तो ये है कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 की मतदाता सूची में गफूर शेख का नाम है ही नहीं। अर्थात 2019 में 62 साल का गफूर शेख वहां का मतदाता नहीं था। वहीं दूसरे केस में इसी सूची में आजाद अली नामक मतदाता के नाम 2019 विधानसभा में दर्ज है वहीं लोकसभा में उसका नाम दर्ज नहीं है। आजाद अली की उम्र 34 साल दर्ज है वहीं उसकी पत्नी रायसा बीबी का नाम दर्ज है जिसकी उम्र 64 है। इसंसे भी बड़ी खबर यह है कि 34 वर्षीय आजाद अली का 42 साल का एक पुत्र भी है। आजाद के इस कथित बेटे का नाम अब्दुर रशीद दर्ज है और उसकी उम्र 42 साल अंकित है।
इस हिसाब से देखा जाए तो इस समय आजाद अली की उम्र 39 और उसके पुत्र की उम्र 42 साल। बड़ा सवाल ये है कि क्या पिता से पहले ही उसके पुत्र का जन्म हो गया। ऐसी ही एक और सूची की पड़ताल की गयी। और लोकसभा व विधान सभा के मतदाता सूची की मिलान की गयी । बता दें, विधानसभा चुनाव 30 जनवरी 2019 को प्रकाशित मतदाता सूची में बूथ संख्या 187 पर गृह संख्या 137 में मात्र 12 मतदाता थे। वहीं लोकसभा 2024 में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 26 हो गई। यानी पांच साल में दोगुना से भी अधिक मतदाता बढ़ गए। इसी प्रकार बूथ संख्या 208 के गृह संख्या एक में इस बार संजुरा बीबी व मुजकेरा बीबी का नाम दर्ज है लेकिन 2019 की मतदाता सूची में दर्ज नामों से इसमें कोई मेल नहीं है। यहीं हाल गृह संख्या 78 में इस साल दर्ज माया खातून का है।
कुल मिलाकर विधानसभा 2019 के मतदाता सूची से लोकसभा मतदाता सूची का मिलान किया गया तो कई ऐसे तथ्य निकल कर सामने आए जो निर्वाचन आयोग व झारखंड के प्रशासन के समक्ष बड़ा सवाल खड़ा कर रहें है। वहीं इस मामले को लेकर राजमहल के विधायक अनंत ओझा ने कहा है कि राज्य में सुनियोजित तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है। इस बार की मतदाता सूची से यह बात साबित हो चुकी है। चुनाव आयोग से भी मामले की शिकायत की गई थी लेकिन प्रशासन को एक भी घुसपैठिया नहीं मिल पाया। पूर्व जिला महामंत्री ने कुछ संदिग्ध नाम जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया है। जिला प्रशासन को गंभीरता से उसकी जांच करानी चाहिए। इस मामले को लेकर साहिबगंज डीसी हेमंत सती ने कहा कि भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री की ओर से कुछ संदिग्ध मतदाताओं का नाम उपलब्ध कराया गया है जिसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी को एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। कमेटी ने जांच शुरू भी कर दी है। जल्द ही उसकी रिपोर्ट आ जाएगी। अगर गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।