झारखंड की पलामू सेंट्रल जेल में हुई विचाराधीन कैदी कुंदन कुमार की बुधवार सुबह मौत हो गई। अब मृतक के परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि कुंदन को जेल में जवानों ने पीटा था, उसके पैर और शरीर के कई हिस्सों में काले निशान थे। दरअसल कुंदन पर दो नाबालिग छात्रों के अपहरण का आरोप लगा था, उसे 6 सिंतबर को पलामू सेंट्रल जेल भेजा गया था। कुंदन के परिजनों का कहना है कि ‘एक नाबालिग का रिश्तेदार पलामू सेंट्रल जेल में तैनात है और उसी के कुंदन की पिटाई की है।’
इधर कुंदन कुमार की मौत को लेकर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का कहना है कि ‘उनका ब्राउट डेथ हुआ था यानि जब उन्हें अस्पताल लाया गया तब वे जीवित नहीं थे।’ वहीं जेल प्रबंधन का कहना है कि ‘गंभीर हालत में कुंदन कुमार को अस्पताल भेजा गया था। इतना ही नहीं दंडाधिकारी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड ने कुंदन कुमार का पोस्टमार्टम हुआ, इस दौरान वीडियोग्राफी भी करवाई गई।’
मामले की गंभीरता को देखते हुए पलामू सेंट्रल जेल के अधीक्षक भागीरथी कारजी ने कहा है कि ‘कुंदन कुमार ड्रग एडिक्ट था, हालांकि जेल में उसकी पिटाई नहीं की गई है। मामले में आगे की छानबीन की जा रही है, अगर कोई भी इस मामले में दोषी पाया जाता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।’