रांची: झारखंड मं नाराज चल रहे पारा शिक्षकों ने मानदेय में दो हजार रूपये की बढ़ोतरी के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। ये शिक्षक अपने मानदेय में छह हजार रूपये की बड़ोत्तरी को लेकर अड़े रहे। शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई लगभग असफल रही। मानदेय के मुद्दे पर विभाग और कर्मचारियों के बीच हुई वार्ता में अंतिम सहमति नहीं बन सकी। बता दें इस मामले को लेकर रक्षाबंधन के बाद फिर से वार्ता होगी और मानदेय बढ़ोतरी पर मंथन होगा। मालूम हो कि शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम ने वार्ता के दौरान सरकार की ओर से तत्काल 2000 मानदेय वृद्धि किये जाने की बात कही। परंतु पारा शिक्षकों ने इससे इनकार कर दिया और पांच से छह हजार बढ़ोतरी किये जाने पर अड़े रहे।
इसके अलावा सहायक अध्यापकों का सेवाकाल 62 वर्ष करने पर विभाग की ओर से बोला गया कि मुख्यमंत्री की सहमति के बाद विचार किया जायेगा। इस मामले को लेकर झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के राज्य प्रतिनिधि सिद्दीक शेख ने कहा कि सरकार ने वेतनमान के वादे को भुला दिया। उन्होने कहा कि समझौते के अनुरूप ईपीएफ का लाभ देना था, सरकार उससे भी मुकर गई। यदि सरकार के समक्ष वेतनमान देने में किसी प्रकार की अड़चन है तो कम से कम वेतनमान के समतुल्य मानदेय पर विचार करना चाहिए। इस बैठक में विधायक सुदिव्य कुमार सोनु, विधायक नमन नक्सल कोंगाड़ी, शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, जेईपीसी के एसपीडी आदित्य रंजन, प्रशासी पदाधिकारी सच्चिदानंद तिग्गा, ममता लाकड़ा और झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, सिद्दीक शेख, बिनोद तिवारी, प्रद्युमन कुमार सिंह, बेलाल अहमद, विकास कुमार चौधरी, सुमन सिंह, निरंजन कुमार डे, भागवत तिवारी, शकील अहमद, सुशील कुमार, वीरेंद्र कुमार राय मुख्य रूप से उपस्थित थे।