रांची: बाबूलाल मरांडी ने भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित कर मीडिया मित्रों से बात की। उन्होने अपने वार्ता में बताया कि झारखंड भाजपा की परिवर्तन यात्रा आशा और उम्मीद से ज्यादा सफल रही। कहा कि इसकी शुरुआत 20 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संताल परगना प्रमंडल और गिरिडीह के झारखंड धाम से की थी। वहीं अब तक यह यात्रा राज्य के 24 जिलों, 74 विधानसभा, 202 प्रखंड की 4500 किलोमीटर की यात्रा तय कर चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि परिवर्तन यात्रा का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को हज़ारीबाग़ में करेंगे। परिवर्तन यात्रा को लेकर बाबूलाल मरांडी ने कहा, भाजपा अपने उद्देश्य में सफल रही है। अब तक 16 -17 लाख लोग इस यात्रा में शामिल हो चुके हैं। यह यात्रा झारखंड में बदलाव का आभास दे चुका है।
इसके बाद उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब जब चुनाव सामने है, तब भी जनता को ठगने के लिए दाने डाले जा रहे हैं। हालांकि जनता अब उनके झांसे में आने वाली नहीं है। परिवर्तन यात्रा के दौरान लोगों ने कहा कि वे हेमंत सोरेन के चाल और चरित्र से अच्छी तरह वाकिफ हैं। जो व्यक्ति अपने पिता की कसम खाकर भी अपने वादे पूरे नहीं करता है, उससे विकास की उम्मीद करना ही बेमानी है। उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता है। अपने संबोधन में बाबूलाल ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार किसी भी काम को ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ नहीं करती है। इस सरकार में सीएनटी और एसपीटी कानून का सबसे ज्यादा उल्लंघन हुआ है। इनके कार्यकाल में आदिवासी जमीन का सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ है। सेना की जमीन तक को भी नहीं छोड़ा गया।
कोलकाता से जमीन के फर्जी कागज बनाकर उसे बेचा गया। साईकल वितरण योजना में स्कूली बच्चों को घटिया किस्म की साईकल दी जा रही है। सुनने में तो यहां तक आ रहा है कि इस योजना के 40 प्रतिशत तक की कमीशनखोरी हो रही है। वहीं उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार की गलतियों को उजागर करने पर मुझपर केस कर दिया जाता है। अब तक आधा दर्जन से ज्यादा केस मेरे ऊपर किये जा चुके हैं। पहले भी मैंने शराब घोटाले के बारे में जो कहा था, वही हुआ। राज्य में फिर से शराब घोटाले की पटकथा लिखी जा रही है। टेंडर निकालकर उसे रद्द किया गया है। पसंदीदा ठेकेदार को टेंडर देने के लिए यह किया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि राज्य की 26 प्रतिशत शराब दुकान सड़क किनारे हड़िया दारू बेचने वाली आदिवासी माता और बहनों को दी जाये ताकि, वे अपनी गुजर बसर कर सके।