रांची: झारखंड में अब “तोंद” वाले पुलिसकर्मी नहीं दिखेंगे। पुलिसकर्मियों को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय ने नया आदेश जारी किया है। इसके तहत हर जिले और पुलिस वाहिनी में प्रत्येक सोमवार को साप्ताहिक परेड का आयोजन किया जाएगा। यह कदम पुलिसकर्मियों की शारीरिक दक्षता और अनुशासन को बनाए रखने के लिए उठाया गया है, क्योंकि पिछले कुछ समय से परेड की कमी के कारण पुलिसकर्मियों में शारीरिक दक्षता और अनुशासन में कमी देखने को मिल रही है।
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सूत्रों के अनुसार, पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला ट्रेनिंग सेंटरों और अन्य पुलिस इकाइयों को आदेश जारी किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मुख्य परेड मैदान में सोमवार को परेड का आयोजन सुनिश्चित करें। यह परेड पुलिसकर्मियों को शारीरिक रूप से फिट और सक्रिय बनाए रखने में मदद करेगी। इसके साथ ही, हर जिले और वाहिनी के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि दूर-दराज के थाना और अनुमंडल के पुलिसकर्मी भी रोटेशन प्रणाली के तहत परेड में शामिल हों।
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वर्तमान में झारखंड के कई इलाकों में परेड की प्रथा लगभग बंद हो चुकी थी, जिसके कारण पुलिसकर्मियों में शारीरिक दक्षता की कमी और अनुशासनहीनता बढ़ रही थी। धनबाद जैसे शहरों में पहले पुलिस लाइन में परेड होती थी, लेकिन अब यह परंपरा कमजोर पड़ चुकी थी। अब नए आदेश के बाद, वरीय अधिकारी निरीक्षण भी कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि परेड नियमित रूप से हो रही है।
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झारखंड पुलिस में भर्ती के चार स्तर होते हैं— भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों द्वारा शीर्ष पदों की नियुक्ति की जाती है, जबकि झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) द्वारा डीएसपी स्तर के अधिकारियों की भर्ती की जाती है। इसके अलावा, झारखंड अधीनस्थ सेवा आयोग (JSSC) द्वारा उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों की भर्ती की जाती है। अन्य पदों की भर्ती रैली या सीधी भर्ती परीक्षा के जरिए होती है।