रांची: उत्पाद विभाग में हुई दस अभ्यर्थियों की मौत के बाद झारखंड में हड़कंप मच गया है। इस मामले को लेकर भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सीधे तौर पर हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सब बिना किसी समुचित व्यवस्था, बिना किसी तैयारी के शारीरिक परीक्षण कराए जाने की वजह से हुआ है। मरांडी ने कहा कि ‘हेमंत सरकार द्वारा आपाधापी में भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ आयोजित कराने के कारण ही राज्य के 6 बेरोजगार युवक मौत के मुंह में समा गए। हेमंत सरकार ने भर्ती केंद्रों पर ना तो पीने के पानी की व्यवस्था की, ना शौचालय की और ना ही महिलाओं द्वारा छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की कोई व्यवस्था है। ऐसी कुव्यवस्था से तो बेरोजगार युवा मरेंगे ही! लगता है आपने नौकरी नहीं देने के लिए बल्कि मौत बांटने का इंतजाम पक्का कर दिया है।’
इसे लेकर मरांडी ने आगे कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती की अधिसूचना 8 अगस्त को निकली, 14 अगस्त को एडमिट कार्ड दिया गया और शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए 22 अगस्त से दौड़ का आयोजन शुरू किया गया।ऐसे में महज 15 दिनों में अभ्यर्थी दौड़ की क्या तैयारी करेंगे? वहीं इस मामले को लेकर बाबूलाल ने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए साथ ही मृतक के आश्रितों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग की है। बता दें झारखंड में आबकारी कांस्टेबलों की भर्ती अभियान के अंतर्गत शारीरिक परीक्षण के दौरान कुछ अभ्यर्थियों की मौत हुई है, इसकी जानकारी खुद पुलिस ने दी है। वहीं इस घटना के बाद प्रदेश भाजपा ने दावा किया कि सरकार के कुप्रबंधन की वजह से भर्ती अभियान के दौरान 10 अभ्यर्थियों की मौत हो गई। इधर इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि उत्पाद विभाग की भर्ती प्रक्रिया पिछले कुछ दिनों से चल रही है। जिसमें छात्रों को 1 घंटे में 10 किलोमीटर के दौड़ पूरी करनी होती है। इस दौड़ में कई बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं, वहीं बच्चों की मौत भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार का तुगलकी फरमान ही है कि पहले तो 5 वर्ष में नौकरी का वादा पूरा नहीं कर सके और जब युवाओं का आक्रोश सड़कों पर दिखा और विपक्ष का दबाव बढ़ा तो आनन-फानन में उत्पाद सिपाही की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी। वहीं इस पूरे मामले को लेकर झारखंड पुलिस ने एक बयान में कहा कि झारखंड आबकारी कांस्टेबल प्रतियोगी परीक्षा के तहत शारीरिक परीक्षण रांची, गिरिडीह, हजारीबाग, पलामू, पूर्वी सिंहभूम और साहेबगंज जिलों के सात केंद्रों पर चल रहे थे। इसमें कहा गया,”दुर्भाग्य से, शारीरिक परीक्षण के दौरान कुछ केंद्रों पर कुछ अभ्यर्थियों की मौत हो गई। इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है और मौत के पीछे के कारणों का पता लगाया जा रहा है।”